Raw Papaya For Uric Acid: शरीर में विषाक्त तत्व के रूप में यूरिक एसिड बनना सामान्य बात है, जो यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाती है। लेकिन कई बार खराब लाइफस्टाइल या फिर खानपान के कारण किडनी ठीक ढंग से काम करना बंद कर देती है, जिससे यूरीन के माध्यम से यूरिक एसिड बाहर नहीं निकल पाती है और यह शरीर में इकट्ठा होकर क्रिस्टल के रूप में एकत्र हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति को जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है, जिसे गाउट या अर्थराइटिस कहा जाता है। इसके साथ ही खून में अधिक यूरिक एसिड होने से किडनी तक खराब हो सकती हैं।
सामान्य तौर पर यूरिक एसिड महिलाओं में 2.6-6.0 mg/dl एवं पुरुषों में 3.4-7.0 mg/dl होना चाहिए। अगर आपकी इस स्तर से ज्यादा है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर यूरिन टेस्ट करा सकते हैं। मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ना अक्सर गाउट का संकेत देती है। यूरिक एसिड की समस्या होने पर अधिकतर लोगों को जोड़ों में हाथ लगाने से भी दर्द होने लगता है। इसके साथ ही पैरों की अंगुलियों में सूजन आ जाती है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान है, तो डाइट में कच्चा पतीता शामिल कर सकते हैं।

कच्चा पपीता औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसका सेवन करने से पाचन एकदम दुरुस्त रहता है। इसके साथ ही इसमें कैलोरी भी कम होती है और भरपूर मात्रा में स्टार्च होता है,जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ शरीर में जमा फैट को भी कम करता है।
कच्चे पपीते में पाए जाने वाले तत्व
कच्चे पपीते में विटामिन ए, विटामिन -सी, विटामिन- ई, विटामिन- बी, मैग्नीशियम, पोटेशियम , फाइबर, आयरन और कई अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए ऐसे करें कच्चा पपीते का सेवन
अगर आप शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो इसके लिए कच्चा पपीते का जूस पी सकते हैं। जूस बनाने के लिए एक कच्चा पपीता लेकर उसे काट लें और बीजों को हटा दें। इसके बाद 2 लीटर पानी में कच्चा पपीता डालकर धीमी आंच में 5 से 10 मिनट उबाल लें। इसके बाद इसे छान लें। आपका जूस बनकर तैयार है।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट कच्चे पपीते के इस जूस को पिएं। आप चाहे तो स्वाद के लिए इसमें शहद या नींबू भी डाल सकते हैं। दिन में 2-3 बार पपीते के इस जूस का सेवन करें।