Prostate-Specific Antigen (PSA) Test: प्रोस्टेट पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है। इसमें लिंग, प्रोस्टेट, सेमिनल वेसिकल्स और अंडकोष शामिल होते हैं। प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें प्रोस्टेट में कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं। प्रोस्टेट कैंसर ऐसा सबसे सामान्य कैंसर है, जो पुरुषों को प्रभावित करता है। इसके सफल उपचार की बेहतर संभावनाओं में इस रोग की जल्दी पहचान महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला एक उपकरण है प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन टेस्ट (PSA Test)। जानिए न्यूबर्ग से प्रबंध निदेशक डॉ. अजय शाह से क्या होता है पीएसए टेस्ट? इसके साथ ही जानिए इसके लाभ और कब कराना है जरूरी।
क्या होता है PSA?
बता दें कि पुरुषों के शरीर में PSA प्रोस्टेट ग्रंथि की सामान्य साथ ही घातक कोशिकाओं द्वारा उत्पादित प्रोटीन होता है, जो खून में अधिक हो जाने के कारण प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ा देता है। आमतौर पर पीएसए का कोई विशिष्ट सामान्य स्तर नहीं है। लेकिन 4.0 एनजी/एमएल और उससे कम स्तर को सामान्य की कैटेगरी में रखा जाता है।
क्या है PSA टेस्ट?
पीएसए टेस्ट में खून में प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन) नामक प्रोटीन के स्तर को मापा जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि PSA बनाती है और इसका अधिक स्तर प्रोस्टेट कैंसर या अन्य प्रोस्टेट रोगों के होने का संकेत दे सकता है। परीक्षण में साधारणत: खून निकाला जाता है और परिणाम आमतौर पर कुछ घंटों के भीतर उपलब्ध हो जाते हैं।
क्या है PSA टेस्ट के लाभ?
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इस टेस्ट को कराने से कई लाभ हो सकते हैं। जानिए इस टेस्ट को कराने से होने वाले लाभों के बारे में।
- पीएसए टेस्ट रोग के लक्षण दिखाई देने से पहले ही प्रारंभिक चरण में प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने में मदद कर सकता है। इस रोग का शीघ्र पता लगने से समय पर उपचार और बेहतर परिणाम प्राप्त होने की संभावना होती है।
- प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित पुरुषों के लिए पीएसए परीक्षण का उपयोग रोग के बढ़ने और उपचार की प्रभावशीलता पर नजर रखने के लिए किया जा सकता है।
- पीएसए के स्तर भविष्य में प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ने के जोखिम का आकंलन करने में भी मदद कर सकते हैं। पीएसए के उच्च बेसलाइन स्तर अधिक जोखिम का संकेत दे सकते हैं, जिससे रोग पर बारीकी से नजर रखी जा सकती है अथवा अन्य क्लीनिकल ट्रायल किए जा सकते हैं।
इन कारणों से भी पीएसएल लेवल हो सकता है ज्यादा?
डॉ.अजय शाह के अनुसार, पीएसए का ऊंचा स्तर प्रोस्टेट कैंसर के अलावा अन्य रोगों जैसे बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) या प्रोस्टेटाइटिस के कारण भी हो सकता है। इससे फाल्स पाज़िटिव परिणाम आ सकते हैं, जिसके कारण चिंता पैदा हो सकती है और संभवत: अनावश्यक फॉलोअप टेस्ट या बायोप्सी करवाने पड़ सकते हैं।
किस उम्र में कराना चाहिए PSA टेस्ट?
पीएसए परीक्षण कराने का निर्णय व्यक्ति की आयु, परिवार में पहले हुई प्रोस्टेट कैंसर की घटनाओं और समग्र स्वास्थ्य पर आधारित होना चाहिए। हालांकि, 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों के लिए यह परीक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए और हेल्थ चेकअप का एक हिस्सा होना चाहिए। आम तौर पर अधिकतर पुरुषों के लिए पीएसए परीक्षण के बारे में सबसे ज्यादा पता 50 वर्ष की आयु के आसपास चलता है। ऐसे में आप गंभीर रोगों से बचने के लिए 50 उम्र के पहले ही इस टेस्ट को करा सकते हैं।
PSA टेस्ट के अलावा हो सकते हैं ये टेस्ट
अगर आपका पीएसए का स्तर अधिक या फिर चिंताजनक है, तो प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि करने या उसकी संभावना समाप्त करने के लिए प्रोस्टेट का अल्ट्रासाउंड या प्रोस्टेट बायोप्सी जैसे टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
कभी-कभी पीएसए परीक्षण के परिणाम अनिर्णायक हो सकते हैं जिसके कारण सटीक निदान करने के लिए आगे और परीक्षण या निगरानी करने की आवश्यकता हो सकती है। अनिर्णायक या बॉर्डर लाइन पीएसए परिणामों के कारण सटीक निदान करने के लिए अतिरिक्त रक्त परीक्षण अर्थात अन्य पीएसए के साथ फ्री पीएसए करवाने की आवश्यकता होती है।