Pneumonia Symptoms: सर्दी बढ़ने के साथ ही बच्चों में निमोनिया (Pneumonia) का खतरा भी बढ़ रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी में बच्चे आसानी से निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं। स्थिति बिगड़ने पर जान भी जा सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर निमोनिया के लक्षणों की समय से पहचान कर ली जाए तो बचाव में आसानी होती है। नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन व पीडियाट्रिशियन डॉ. डीके गुप्ता कहते हैं कि सर्दी के दिनों में बच्चों की मौत की प्रमुख वजह निमोनिया होती है।
डॉ. डीके गुप्ता कहते हैं कि सर्दी में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहना कर रखें। कान ढंककर रखें, सर्दी से बचाएं। वह कहते हैं कि अगर बच्चे तेजी से सांस लेने लगें, सीने में घरघराहट महसूस हो तो यह निमोनिया का संकेत हो सकता हैं। खासकर 5 साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है। फीडिंग (दूध पीने में भी परेशानी) होती है।
क्या हैं निमोनिया के लक्षण? (Pneumonia Symptoms)
- सांस लेते या खांसते वक्त छाती में दर्द
- कफ या बलगम वाली खांसी। कई बार पीला, हरा या खून जैसा बलगम दिखता है
- थकान और सुस्ती
- भूख में कमी
- बुखार
- अचानक पसीना आना या ठंड लगना
- जी मचलाना और उल्टी
निमोनिया होने पर क्या करें? (What to do in Pneumonia)
डॉ. डीके गुप्ता कहते हैं कि निमोनिया संक्रमित लोगों की ड्रॉपलेट से फैलता है, इसलिए आप ऐसे लोगों से फेस टू फेस संपर्क न करें। खांसते और छींकते वक्त मुंह को ढंक कर रखें। वह कहते हैं कि निमोनिया से बचने का सबसे अच्छा तरीका है टीकाकरण। न्यूमोकॉकल वैक्सीन, पीसीवी 13, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी आदि वैक्सीन आपको बैक्टेरियल निमोनिया से बचा सकती हैं। इसके अलावा नियमित तौर पर हाथ धोते रहें और साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।