दुनिया भर में करीब 100 देशों में अब तक मंकीपॉक्स के 35 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में भी मंकीपॉक्स वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं; वहीं भारत में अब तक मंकीपॉक्स के 10 मामले सामने आ चुके हैं। बढ़ते मामलों के साथ मंकीपॉक्स के लक्षण भी बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक इस बीमारी के कारण शरीर पर बुखार और दाने की समस्या आ रही थी। कुछ मामलों में मंकीपॉक्स से भी हृदय रोग हो रहा है। लेकिन अब यह वायरस शरीर के दूसरे अंगों पर भी असर करने लगा है। इस वायरस के कारण कई तरह की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो रही हैं।

लंदन की क्वींस मैरी यूनिवर्सिटी के एकेडमी फाउंडेशन के डॉक्टर जेम्स ब्रंटन बेडनोच ने माना है कि मंकीपॉक्स से लोगों में न्यूरोलॉजिकल और मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी हुई हैं। जेम्स ब्रंटन ने कहा है कि मंकीपॉक्स के कारण त्वचा पर चकत्ते और फ्लू के लक्षण ऊपर से देखे जा सकते हैं, लेकिन मंकीपॉक्स से मानसिक समस्याएं और तंत्रिका संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

दरअसल चेचक के रोग (Small Pox) में पहले से ही न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होती हैं। शोधकर्ता यह देखना चाहते थे कि क्या मंकीपॉक्स में भी ऐसा ही हुआ था। ई-क्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पुराने डेटा का के साथ नए डेटा के साथ इसका विश्लेषण किया, और पाया कि मंकीपॉक्स से पीड़ित 2 से 3 प्रतिशत लोगों में न्यूरोलॉजी से संबंधित गंभीर समस्याएं विकसित हुईं।

मस्तिष्क में दिखे गंभीर सूजन

शोधकर्ताओं के मुताबिक शोध के दौरान कुछ लोगों में एन्सेफलाइटिस भी देखा गया। एन्सेफलाइटिस (Encephalitis) मस्तिष्क की एक गंभीर सूजन की बीमारी है जिससे दीर्घकालिक विकलांगता हो सकती है। हालांकि इन जटिलताओं से पीड़ित लोगों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन शोध इसके नए लक्षणों के बारे में जानकर हैरान रह गए।

बता दें कि एन्सेफलाइटिस भ्रम पैदा कर सकता है और कुछ मामलों में मस्तिष्क का कार्य भी प्रभावित होता है। इस शोध के दौरान मंकीपॉक्स पर अन्य अध्ययनों के आंकड़ों की भी जांच की गई है। जिसमें यह पाया गया है कि मंकीपॉक्स के कई रोगियों में सिरदर्द, थकान और धड़कन जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी देखे गए हैं। इस शोध के दौरान अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं के लक्षणों के बारे में भी शोध किया जा रहा है।

हृदय रोग के भी दिखे लक्षण

मंकीपॉक्स के मरीजों में हृदय रोग (मायोकार्डिटिस) के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। इस बीमारी से हृदय की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। मायोकार्डिटिस के कारण हृदय की धमनियों में सूजन और लालिमा होने से दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है और हार्ट फेल होने का भी खतरा रहता है।

बता दें कि हृदय की मांसपेशियों को मायोकार्डियम कहा जाता है। मायोकार्डिटिस आपके दिल और आपके दिल की विद्युत प्रणाली (Electrical S ystem) को प्रभावित कर सकता है। जिससे हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता कम हो जाती है और हृदय की धड़कन अनियमित हो जाती है। यदि मायोकार्डिटिस गंभीर हो जाता है, तो यह आपके हृदय को कमजोर कर सकता है, जिससे आपका हृदय पूरे शरीर में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर सकता है। गंभीर मायोकार्डिटिस में हृदय में रक्त के थक्के भी बन जाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल का दौरा जैसी समस्याएं होती हैं।

जेम्स ब्रंटन ने कहा कि हालांकि यह शोध बहुत कम लोगों पर किया गया है, लेकिन गंभीर और दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के अलावा मंकीपॉक्स वाले लोगों में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षणों के भी प्रमाण मिले हैं। जेम्स ने कहा कि हालांकि, अध्ययन में यह नहीं पता था कि ये लक्षण कितने गंभीर थे और वे मरीजों के साथ कितने समय तक रहे।