यूरिक एसिड का बनना नेचुरल प्रोसेस है लेकिन बॉडी में इसका स्तर अधिक होना एक खतरनाक स्थिति है। बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर अधिक होने पर किडनी उसे फिल्टर करके बॉडी से बाहर निकालने में नाकाम रहती है और बॉडी में इन टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने लगती है। बॉडी मे यूरिक एसिड बढ़ने के लिए प्यूरीन डाइट जिम्मेदार है। डाइट में अधिक प्यूरीन वाले फूड्स जैसे शराब,बीयर,समुद्री जीव, शंख, कुछ मीट जैसे लिवर, बीफ, चिकन, बत्तख,झींगा मछली और कस्तूरी का सेवन करने से तेजी से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है।

बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर अधिक होने पर ये जोड़ों में जमा होने लगता है और धीरे-धीरे क्रिस्टल का रूप धारण कर लेता है, जिससे हाइपरयूरिसीमिया नामक स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो गाउट का कारण बनती है। हाई यूरिक एसिड के कारण ऑस्टियोपोरोसिस की परेशानी भी होती है। हाई यूरिक एसिड की वजह से किडनी के रोगों और मोटापा बढ़ने का खतरा अधिक रहता है।

अगर यूरिक एसिड का उपचार नहीं किया जाए तो हड्डियों, जोड़ों और ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने से हड्डियों में सूजन और दर्द बढ़ने लगता है। कई बार दर्द इतना ज्यादा हो जाता है कि बैठना तक दूभर हो जाता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में हल्दी और नीम का इस्तेमाल दवाई की तरह असर करता है। इसका इस्तेमाल दर्द और सूजन की जगह पर किया जाए तो तुरंत आराम मिलता है। आइए जानते हैं कि नीम और हल्दी कैसे यूरिक एसिड के मरीजों के दर्द की दवा बनते हैं।

नीम कैसे जोड़ो के दर्द और सूजन को दूर करता है

सदगुरु जग्गी वासुदेव के मुताबिक नीम एक ऐसी औषधी है जो हर तरह के कीटाणुओं को मारने में असरदार है। नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो दर्द का दवा की तरह इलाज करते हैं। नीम की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है जो यूरिक एसिड में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसका इस्तेमाल अगर दर्द वाली जगह पर किया जाए तो दर्द और सूजन का उपचार कर सकते हैं। आप नीम का सेवन उसकी गोली बनाकर भी कर सकते हैं।

नीम का इस्तेमाल लेप बनाकर करें

अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है और हाथ-पैरों के जोड़ों में सूजन और दर्द हो रहा है तो आप नीम का इस्तेमाल उसका पेस्ट बनाकर दर्द और सूजन की जगह पर लगाएं। इसे लगाने से तुरंत असर दिखेगा।

हल्दी कैसे दर्द से दिलाती है निजात

औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी का सेवन दर्द और सूजन को कम करने में दवाई की तरह असर करता है। हल्दी में करक्यूमीन मौजूद होता है जो बॉडी को बेहद फायदा पहुंचाता है। एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी यूरिक एसिड की वजह से होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाती है और सूजन को कम करती है। आप हल्दी का पेस्ट लगाएं आपको फायदा होगा।

हल्दी का लेप कैसे लगाएं

जोड़ों में दर्द और सूजन से परेशान हैं तो आप हल्दी का लेप प्रभावित जगह पर लगाएं। लेप बनाने के लिए आप कच्ची हल्दी को सुखाकर और पीसकर पानी के साथ लेप बना सकते हैं और उसे दर्द वाली जगह पर लगाएं।