लिवर शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है जिसका काम शरीर को डिटॉक्स करना, पोषक तत्वों को संग्रहित करना और पाचन में मदद करना है। लिवर पित्त (bile) का निर्माण करता है जो वसा को पचाने में मदद करता है। यह खून को साफ करता है और शरीर में मौजूद हानिकारक रसायनों, दवाओं और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। साथ ही यह ग्लूकोज, आयरन और विटामिन को स्टोर करके शरीर की ऊर्जा की जरूरत को बैलेंस रखता है।

लिवर में गड़बड़ी होने पर थकान, भूख न लगना, पीलिया, पेट फूलना और उल्टी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। लिवर की बीमारियों में हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, सिरोसिस और लिवर कैंसर शामिल हैं। लिवर को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी डाइट का सेवन करना, नियमित एक्सरसाइज करना, शराब से परहेज करना और बॉडी को हाइड्रेट रखना जरूरी है।

लिवर को हेल्दी रखने के लिए कुछ हर्बल सपोर्ट जैसे मोरिंगा का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। जनरल फिजिशियन, कंसल्टेंट फिजिशियन और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी सिंह सालुंके ने बताया अगर आप लिवर को हेल्दी रखना चाहते हैं तो आप मोरिंगा का सेवन करें। एंटीऑक्सीडेंट और क्लोरोफिल से भरपूर ये पत्तियां लिवर में जमा फैट को कंट्रोल करते हैं। इन पत्तियों का अगर रोज सेवन किया जाए तो ये सेहत में सुधार करती हैं। आइए जानते हैं कि मोरिंगा के पत्ते कैसे लिवर की हेल्थ में सुधार करते हैं और लिवर जवान और हेल्दी रहता है।

मोरिंगा की पत्तियां कैसे लिवर पर करती हैं असर

मोरिंगा की पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है जो लिवर को हेल्दी रखने में मदद करती है। मोरिंगा की पत्तियों में विटामिन C, विटामिन E और फ्लैवोनॉइड जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लिवर के फैट को कंट्रोल करते हैं और लिवर की हेल्थ को बेहतर बनाते हैं। ये पत्तियां ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती हैं, जो लिवर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।

डिटॉक्सिफिकेशन में करती हैं मदद

मोरिंगा की पत्तियां लिवर को डिटॉक्स करने में भी मदद करती हैं।  इसमें मौजूद ग्लूकोसिनोलेट्स और क्लोरोफिल शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करते हैं और बॉडी से बीमारियों को दूर करते हैं।

लिवर एंजाइम को करती हैं बैलेंस

मोरिंगा की चंद पत्तियों को अगर रोज चबा लिया जाए तो ये पत्तियां लिवर के एंजाइम जैसे  ALT, AST और ALP का स्तर बैलेंस रहता है।

लिवर की सूजन होती है कंट्रोल

एंटीइंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर मोरिंगा के पत्तों का सेवन करने से लिवर की सूजन कंट्रोल होती है। इन पत्तों को अगर रोज खा लें तो लिवर डिटॉक्स होने के साथ ही तंदुरुस्त भी रहेगा।

फैटी लिवर का करती हैं सुधार

कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि मोरिंगा की पत्तियों का सेवन करने से फैटी लिवर का भी इलाज होता है।  मोरिंगा की पत्तियां नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) में सुधार ला सकती हैं। यह लिपिड मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाती है और लिवर में फैट के जमाव को कंट्रोल करती है।

लिवर की कोशिकाओं की करती हैं मरम्मत

कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि मोरिंगा की पत्तियां लिवर की कोशिकाओं की मरम्मत करती हैं लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाती हैं। जानवरों पर किए गए कई अध्ययनों में मोरिंगा की पत्तियों ने दवाओं या टॉक्सिन्स से हुए लिवर डैमेज को कम किया है।

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