मॉनसून का मौसम भला किसे पसंद नहीं होता है। तपती गर्मी से राहत देने वाली रिमझिम बारिश हर किसी का दिल खुश कर जाती है। हालांकि, ये मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। खासकर बारिश के पानी से फंगल इंफेक्शन का खतरा अधिक बढ़ जाता है। जगह-जगह भरे पानी में बैक्टीरिया तेजी से पनपने हैं। ऐसे में इस गंदे पानी की एक बूंद भी हाथ और पैरों में सड़न, खुजली और फोड़े-फुंसी का कारण बन सकती है। वहीं, डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए ये अधिक खतरनाक हो जाता है। ऐसे में इस लेख में हम आपको कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर फंगल इंफेक्शन के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
गौरतलब है कि डायबिटीज मरीजों की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है। ऐसे में अगर उनके हाथ या पैरों में किसी तरह का कोई घाव हो जाए, तो ये जल्दी ठीक नहीं हो पाता है। अनियंत्रित शुगर घाव के बैक्टीरिया को रोकने में नाकाम करने लगती है और बैक्टीरिया घाव पर लेयर बना लेता है जिससे संक्रमण अधिक बढ़ता जाता है। इसी कड़ी में डायबिटीज से पीड़ित लोगों को बारिश के मौसम में अपना अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है।
अपनाएं ये टिप्स:
शरीर को अच्छे से सुखाएं:
फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए बॉडी को ड्राई रखना सबसे जरूरी है। ऐसे में नहाने के बाद अपने शरीर को अच्छे से सुखाएं। बॉडी कर्व्स में फंसी नमी या पानी इंफेक्शन के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप ठीक ढंग से खुद को सुखाने के बाद ही कपड़े पहनें।
रोज धोएं तौलिया:
नहाने के बाद खुद को ड्राई रखने के लिए सूती तौलिये का प्रयोग करें। साथ ही हर यूज के बाद इसे धोएं। ऐसा करने से तौलिये में फंगल इंफेक्शन बढ़ने की संभावना कम हो जाती है। बेहतर नतीजों के लिए आप इसे स्त्री भी कर सकते हैं।
ढीले सूती कपड़े पहनें:
अगर आप पहले कभी फंगल इंफेक्शन की चपेट में आ चुके हैं या आपकी बॉडी अधिक सेंसिटिव है, तो कोशिश करें कि इस मौसम में आप केवल ढीले और सूती कपड़े ही पहनें। ऐसे कपड़े पसीने और मनी को अधिक तेजी से सोंखते हैं। खासकर मॉनसून में डेनिम पहनने से बचें।
वर्कआउट के तुरंत बाद कपड़े बदलें:
फंगल इंफेक्शन से खुद को बचाने के लिए वर्कआउट के तुरंत बाद कपड़े बदलना जरूरी है। ध्यान रहे कि आप पसीना सूखने का इंतजार भी न करें। इसके अलावा, अगर आपने कार्डियो व्यायाम किया है, तो भूलकर भी वर्कआउट वाले कपड़े पहनकर ना बैठें।
रोज धोएं अंडरगारमेंट्स:
अंडरगारमेंट की परतों पर फंगल इंफेक्शन के जमा होने का खतरा अधिक रहता है। इस्तमेल के बाद इनके किनारों पर नमी इकट्ठा होने लगती है, जो फंगल इंफेक्शन को तेजी से बढ़ाने का काम कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप हर दिन अपने अंडरगारमेंट्स जरूर बदलें और इन्हें धोकर ठीक तरह से सूखने के बाद ही पहनें।
स्टेरॉयड क्रीम से बनाएं दूरी:
वहीं, अगर आप फंगल इंफेक्शन की चपेट में आ चुके हैं, तो किसी भी तरह की स्टेरॉयड क्रीम लगाने से बचें, ऐसा करने से स्थिति और खराब हो सकती है। स्टेरॉयड क्रीम आपको इंस्टेंट राहत देने का काम तो करेगी, लेकिन इसके इस्तेमाल से आगे चलकर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। इससे अलग फंगल संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लें।
ऐसे रखें हाथ और पैरों का ध्यान:
अपने पैरों को फंगल संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है कि आप हर रोज सोक्स बदलें और इसके बाद अपने पैरों को नियमित रूप से धोएं। इसके अलावा प्लास्टिक से बने जूते पहनने से बचें, गीली जगहों पर नंगे पैर ना चलें। वहीं, हाथों की सुरक्षा के लिए खासकर जानवरों या अन्य लोगों को छूने के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं, किसी दूसरे के तौलिये और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों का उपयोग ना करें, साथ ही अपने नाखूनों को भी हमेशा साफ और ड्राई रखें।