High Uric Acid: देश में हाई यूरिक एसिड से जूझ रहे मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। सिर्फ उम्रदराज लोग ही नहीं, युवा भी इस परेशानी से ग्रस्त हैं। शरीर में इस केमिकल की मात्रा बढ़ने से कई तरह की दिक्कतें जैसे कि जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न हो सकती है। इस स्वास्थ्य परेशानी को गठिया कहते हैं। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, ब्लड शुगर, किडनी रोग और मोटापा का खतरा भी उनमें अधिक होता है जो हाई यूरिक एसिड से परेशान हैं।

बता दें कि यूरिक एसिड शरीर से निकलने वाला एक सामान्य अपशिष्ट पदार्थ है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब लोग डाइट में प्यूरीन प्रोटीन युक्त फूड्स का सेवन करते हैं तो बॉडी में यूरिक एसिड रिलीज होता है। सामान्य तौर पर किडनी इसे फिल्टर कर यूरिन के जरिये शरीर से बाहर निकाल देता है।

लेकिन बॉडी में इस एसिड की अधिकता से किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाता है और ये एसिड ब्लड में जमा होने लगता है। ऐसे में इस पर काबू पाने में घरेलू उपायों का इस्तेमाल प्रभावी होता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि मेथी का उपयोग यूरिक एसिड पर नियंत्रण रखता है।

कैसे फायदेमंद है मेथी: मेथी को पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। ये प्रोटीन, फाइबर और आयरन से भरपूर होता है। साथ ही, मेथी के बीजों और पत्तियां में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण और कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है।

दूर होता है जोड़ों का दर्द और सूजन: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मेथी में कैल्शियम और आयरन की मौजूदगी इसे गठिया के मरीजों के लिए फायदेमंद बनाती है। औषधीय गुणों से भरपूर मेथी में केरोटीन और विटामिन-सी भी पाया जाता है जो इसे जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक बनाती है। साथ ही, इसके इस्तेमाल से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और लोगों में गठिया जैसी हड्डियों की बीमारी से घिरने का खतरा कम होता है।

कैसे करें इस्तेमाल: रात में सोने से पहले एक कप में करीब चम्मच भर के मेथी के बीज डालें और फुलने के लिए छोड़ें। अगली सुबह इसे छानकर बीजों को अलग कर दें। मेथी के बचे पानी को हल्का गुनगुना करें और खाली पेट सेवन करें। संभव हो तो मेथी के बीजों को अच्छे से चबाकर खाएं।