मसरूफियत की जिंदगी में कपल्स आधा समय घर बनाने और अपनी लाइफ को सेट करने की जद्दोजहद में गुज़ार देते हैं। ऐसे में कप्लस जल्दी बच्चा नहीं चाहते हैं। वर्किंग महिलाएं बच्चा कंसीव नहीं करने के लिए कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन करती हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स एक प्रकार का गर्भनिरोधक है जो हर दिन लगातार लेने पर प्रेग्नेंसी को रोकने में 99% प्रभावी होता हैं। लगातार महीने के 21 दिनों तक बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने का असर महिलाओं की लव लाइफ को भी प्रभावित करता है। कई मामले ऐसे आ रहे हैं जिसमें देखा गया है कि जो महिलाएं लगातार बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं उनकी योनइच्छा में कमी होने लगती है।
नर्चर आईवीएफ क्लिनिक,दिल्ली में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना धवन बजाज ने बताया कि ज्यादातर महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों को अच्छी तरह से सहन कर लेती हैं, लेकिन रिसर्च में ये भी पता चला है कि 15 प्रतिशत महिलाओं में इन पिल्स का सेवन करने से अलग-अलग संवेदनशीलताएं और कामेच्छा में कमी हो सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से कैसे कमेच्छा प्रभावित होती है और इस परेशानी से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं में कामेच्छा को कैसे प्रभावित करती हैं?
बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से वजाइना में ड्राईनेस बढ़ जाती है जिससे यौन संबंध बनाने की इच्छा महिलाओं में कम होती है। कुछ कपल्स सालों से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन कर रहे हैं लेकिन जब वो गर्भधारण करना चाहते हैं और इन ओरल पिल्स का सेवन करना बंद कर देते हैं तो महिलाओं का पीरियड स्वभाविक रूप से नॉर्मल नहीं रहता। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में (post-pill amenorrhea)एमेनोरिया कहा जाता है।
गोली लेने के बाद ये स्थिति पैदा होती है जिसमें पीरियड नहीं होता। एमेनोरिया के लक्षणों की बात करें तो महिला की आवाज़ भारी होना, मांसपेशियों के आकार में वृद्धि, सिरदर्द,नज़रों की समस्याएं या कामेच्छा कम होने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ओव्यूलेशन नहीं होने का मतलब है कि आपके पीरियड के दौरान हार्मोन में वृद्धि नहीं होती जो शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित करती है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स कैसे हार्मोन और शरीर को करती हैं प्रभावित?
ओरल बर्थ कंट्रोल पिल्स एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन या अकेले प्रोजेस्टेरोन का कॉम्बिनेश हैं जो ओव्यूलेशन को दबा देता हैं जिससे ब्रेस्ट टेंडरनेस, मूड में बदलाव, वजन बढ़ना,स्किन पर दाने होना और वजाइना में ड्राईनेस होने जैसे लक्षण दिखते हैं।
बर्थ कंट्रोल पिल्स कैसे मूड को प्रभावित करती हैं?
बर्थ कंट्रोल पिल्स में मौजूद हार्मोन मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर पर प्रभाव डाल सकते हैं, जो मूड को नियंत्रित करने में भूमिका निभाते हैं।
गर्भनिरोधक गोली सेवन करने का सुरक्षित तरीका क्या है?
एक्सपर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में मौजूद अल्ट्रा-लो-डोज़ वाली गोलियां बहुत सुरक्षित हैं। फीमेल कंडोम और कॉपर आईयूडी जैसे गर्भनिरोधक के अन्य रूप भी अपना सकती हैं