जब लिवर पर वसा यानी फैट की अधिक मात्रा हो जाती है तो इस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। आज के समय में लोग जंक फूड, डीप फ्राइड चीजें और शराब आदि का अधिक सेवन करते हैं, जिसके कारण उन्हें फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। इस समस्या का अगर सही समय पर इलाज ना किया जाए तो यह एक गंभीर रूप ले लेती है। फैटी लिवर के कारण लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

ऐसे में फैटी लिवर के मरीजों को अपने खानपान के प्रति बेहद ही सावधान बरतनी पड़ती है। इस समस्या से पीड़ित लोगों को थकान, कमजोरी, उल्टी आना, भूख ना लगना और पेट के बाएं हिस्से में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं। दवाइयों के साथ-साथ कुछ घरेलू उपायों को अपनाने से भी फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

मुलेठी की चाय: मुलेठी का इस्तेमाल हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में होता आ रहा है। कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से मुलेठी निजात दिला सकती है। बता दें कि अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या में लिवर में ट्रांसअमाइनेज एंजाइम ALT और AST की मात्रा काफी हद तक बढ़ जाती है। ऐसे में मुलेठी ALT और AST एंजाइम को कम करने में मदद करती है।

फैटी लिवर के मरीज मुलेठी की चाय का सेवन कर सकते हैं। मुलेठी की जड़ फैटी लिवर के साथ ही अस्थमा और मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदेमंद है। ऐसे में फैटी लिवर के मरीज अपने रूटीन में मुलेठी की चाय को शामिल कर सकते हैं।

मुलेठी की चाय: इसके लिए पानी में मुलेठी का पाउडर डालकर उसे गैस पर उबालें। फिर थोड़ी-सी चाय की पत्ती डालकर अच्छी-तरह से उबाल लें। जब यह तैयार हो जाए तो छानकर गर्मागर्म इसका सेवन करें। मुलेठी शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी दूर करने में मदद करती है।

ग्रीन टी: मुलेठी की चाय के अलावा फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोग ग्रीन टी का सेवन भी कर सकते हैं। यह लिवर से फैट को कम करने में मदद करती है। आप दिन में 2-3 बार ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।