Infertility Reasons: साल 2015 में हुई एक अध्ययन के अनुसार देश भर में 10 से 15 फीसदी लोग यानी करीब 2 करोड़ 30 लाख दंपति इनफर्टिलिटी के शिकार हैं। गर्भावस्था एक बेहद सुखद अनुभूति होती है जो पूरे परिवार के लिए खास होता है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद अगर महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं तो इसे बांझपन कहा जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसके लिए महिला व पुरुष दोनों जिम्मेदार होते हैं, हालांकि महिलाओं में ये दिक्कत 40 फीसदी तक देखी जा सकती है।
कम नींद और बांझपन: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अनुसार अगर महिलाएं रात को भरपूर नींद नहीं ले रही हैं तो इससे भी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। उनके मुताबिक लंबे समय तक अगर आप कम देर तक सोती हैं तो इसका असर ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) पर होता है। ये हार्मोन मासिक धर्म को रेगुलेट करता है जिससे फर्टिलिटी प्रभावित होती है।
इन दिक्कतों से भी जूझना पड़ता है: स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि महिलाओं को ध्यान केंद्रित में करने में पुरुषों से ज्यादा दिक्कत होती है। नींद की कमी से परेशानी बढ़ सकती है। इससे मूड स्विंग्स, गुस्सा, डिप्रेशन और घबराहट की शिकायत हो सकती है। साथ ही, थकान, उलझन और भ्रम की स्थिति भी बन जाती है।
कब होती है डॉक्टर को दिखाने की जरूरत: अगर नींद की कमी महीने में एक दिन या कभी-कबार हो तो परेशानी की बात नहीं है। लेकिन जो लोग रोज-रोज इससे जूझ रहे हैं उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए। इसके साथ ही, अगर सुबह की सिरदर्द, दिन भर नींद आना, आलस्य और थकान नजर आए तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
कितनी नींद है जरूरी: महिलाओं में उम्र भर हार्मोनल बदलाव होते हैं। साथ ही, हर महीने मासिक धर्म और मेनोपॉज जैसी बातों का भी महिलाओं को ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को करीब आधा घंटा अधिक नींद की जरूरत होती है।
अच्छी नींद के लिए क्या करें: महिलाओं के मानसिक सेहत ही नहीं, शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी भरपूर नींद जरूरी है। कुछ बातों का ध्यान रखने से अच्छी नींद लाने में मदद मिलती है। सोने का समय फिक्स कर लें। कोशिश करें कि रात 10 बजे के बाद जगें नहीं। बिस्तर पर जाने के करीब 5 घंटे पहले से कैफीन का सेवन न करें। सोने से पहले गर्म पानी से नहाना भी असरदार साबित हो सकता है।