दुनियाभर में कैंसर मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण माना जाता है। भारत में सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसरों में फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 2018 में कैंसर के कारण अनुमानित 9.6 मिलियन मौतें हुईं, यानी हर 6 मौतों में से 1 मौत कैंसर के कारण हुई। यह विश्व स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है और इसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। 2050 तक नए कैंसर के मामलों की संख्या 35 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2022 के अनुमानित 20 मिलियन मामलों की तुलना में 77% की बढ़ोतरी है।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। ये बढ़ती हुई कोशिकाएं इतनी शक्तिशाली होती हैं कि यह आस-पास के स्वस्थ बॉडी सेल्स में प्रवेश कर उन्हें नष्ट कर देती हैं। खराब डाइट, असंतुलित जीवनशैली और अन्य पर्यावरणीय कारणों की वजह से इस बीमारी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
कैंसर के शुरुआती संकेतों को समय पर पहचानना बेहतर उपचार और बेहतर परिणामों के लिए बेहद जरूरी है। हालांकि कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि कई लक्षण सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से मिलते-जुलते होते हैं। हम आपको कैंसर की बीमारी के कुछ लक्षणों के बारे में बताते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये कैंसर का चेतावनी संकेत हो सकते हैं।
मल डिस्चार्ज करने की आदतों में बदलाव (Changes in bowel habits)
पाचन तंत्र का दुरुस्त रहना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है, इसलिए इसमें बदलाव को अनदेखा न करें। कभी-कभी डायरिया, कब्ज या मल डिस्चार्ज करने में कठिनाई सामान्य हो सकती है, लेकिन अगर ये स्थिति दो महीने या उससे अधिक समय तक लगातार रहे तो इसे नजरअंदाज न करें। रेक्टल ब्लीडिंग या पेट में दर्द को भी गंभीरता से लेना चाहिए। ये कोलोरेक्टल कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
लगातार थकान होना (Fatigue)
अच्छी नींद लेने के बाद भी थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह सामान्य नहीं है। लगातार या अत्यधिक थकान जो आराम करने के बावजूद नहीं जाती, कैंसर का चेतावनी संकेत हो सकती है। यह थकान कोलन कैंसर से जुड़ी हो सकती है। इसे अनदेखा न करें, खासकर जब यह अन्य लक्षणों के साथ हो।
बिना वजह वजन कम होना
अगर आप बिना किसी प्रयास के 10% या अधिक वजन कम हो रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें। वजन घटना अक्सर पाचन तंत्र के कैंसर जैसे इसोफैगस, पेट, लीवर और पैनक्रियास कैंसर से जुड़ा हो सकता है। यह लक्षण उन लोगों में भी अनदेखा किया जा सकता है जो वेट लॉस करना चाहते हैं।
रेक्टल ब्लीडिंग
मल में खून आना या रेक्टल ब्लीडिंग अक्सर डाइट या जीवनशैली के बदलाव के कारण समझा जाता है। हालांकि यह कोलोरेक्टल कैंसर का भी संकेत हो सकता है। अगर यह लक्षण लगातार बने रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पेट में दर्द (Abdominal Pain)
लगातार पेट दर्द, सूजन या असहजता जो साधारण उपायों से नहीं ठीक होती, कैंसर का संकेत हो सकती है। यह पेट या कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
खांसी (Cough)
लगातार खांसी या आवाज में बदलाव जो ठंड या संक्रमण के बाद भी आठ सप्ताह या उससे अधिक बनी रहे, गंभीर संकेत है। यह फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है और तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
असामान्य तिल या स्किन में बदलाव
नई या बदलती तिलें, घाव जो नहीं भरते, स्किन कैंसर जैसे मेलेनोमा का संकेत हो सकते हैं। ऐसे बदलावों को नजरअंदाज न करें और नियमित चेकअप कराएं।
कब डॉक्टर को दिखाएं?
सभी लक्षण कैंसर की ओर नहीं इशारा करते। अधिकांश लक्षण साधारण स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होते हैं। लेकिन अगर लक्षण असामान्य लगातार या बिगड़ रहे हैं तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। शुरुआती पहचान जिंदगी को बचा सकती है।