रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को कम ही जानकारी होती है। ये एक ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें हमारी इम्युनिटी ही बॉडी को नुकसान पहुंचाने लगती है। इम्युन सिस्टम हमें रोगों से बचाता है लेकिन इस बीमारी में इम्युन सिस्टम हेल्दी कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाने लगता है। इस बीमारी की वजह से मरीज के जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न रहती है। सुबह के समय ये अकड़न ज्यादा होती है। बॉडी के एक्टिव होने के एक से दो घंटे में ये स्टिफनेस दूर भी हो जाती है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य श्री बालकृष्ण के मुताबिक इस बीमारी का उपचार उसके लक्षणों को समझकर आसानी से किया जा सकता है। ये बीमारी 40-50 साल की उम्र में लोगों को ज्यादा परेशान करती है। इस बीमारी से पीड़ित लोग डाइट पर ध्यान देकर जोड़ों के दर्द और सूजन को कंट्रोल कर सकते हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण: रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षणों की बात करें तो मरीज की बॉडी में कमजोरी महसूस होती है, उसे हल्की थकान और बुखार रहता है। इस बीमारी की वजह से मरीज को भूख नहीं लगती और उसका मुंह और आंखें ड्राई रहती हैं। बॉडी में गांठ बनना भी इस बीमारी के लक्षणों में शामिल है।
इस बीमारी से पीड़ित लोगों को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डाइट में व्हाइट आटा, चीनी, सैचुरेटेड और ट्रांस फैट से भरपूर फूड्स से परहेज करना चाहिए। तले हुए फूड, रेड मीट, डेयरी, अंडों का सेवन इस बीमारी के लक्षणों को बढ़ा सकता है। ये सभी फूड कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होते हैं, जो इंफ्लेमेशन को बढ़ा सकते हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस का बॉडी के बाकी अंगो पर असर: इस बीमारी को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो उससे बॉडी के कई अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। इस बीमारी की वजह से आंखों, स्किन और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस में हड्डियों को नुकसान पहुंचने लगता है, साथ ही में जॉइन्ट्स का आकार भी बदलने लगता है। इस बीमारी की वजह से पैर और हाथ की उंगलियां टेढ़ी होने लगती हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस का उपचार: रूमेटाइड अर्थराइटिस का अगर समय पर पता लग जाए तो उसका प्रभावी इलाज किया जा सकता है। इस बीमारी का इलाज करने का सबसे बड़ा उद्देश्य दर्द और सूजन जैसे लक्षणों को दूर करना है। इन लक्षणों का उपचार करके भाविष्य में हड्डियों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
इस बीमारी से पीड़ित लोग लगातार एक्सरसाइज करें, मसल्स की अकड़न से आराम मिलेगा। एरोबिक एक्सरसाइज और लगातार वॉक इन मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है। वॉक और एक्सरसाइज तनाव को दूर करती है और बॉडी को हेल्दी रखती है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए डाइट: रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीज अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखें। डाइट में पुराना चावल, गेहूं, जौ, दाल, अरहर, मूंग, मसूर दाल, फल एवं सब्जियां,सेब, पपीता, सहजन, टिण्डा, परवल, लौकी, तोरई, खीरा, करेला का सेवन करें। इसके अलावा कुछ कड़वे स्वाद के फूड जैसे अजवाइन, अदरक, सौंफ, हींग, काला नमक, तेल, काली मिर्च, सेंधा नमक, धनिया, लहसुन, जीरा, घी का सेवन फायदेमंद है। बिना मलाई का दूध, छाछ, पुनर्नवा और गोमूत्र का सेवन करें।