लीवर सिरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लीवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है। लीवर हमारी बॉडी का दूसरा सबसे अहम अंग है जो हमारी बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालता है और एंजाइम का निर्माण भी करता है। लीवर विटामिन, वसा जैसे अन्य पोषक तत्वों को पचाने में मदद करता है, चीनी और पोषक तत्वों को स्टोर करता है। ये संक्रमण से लड़ने में भी मदद करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक लीवर में जब कुछ खराबी होती है तो वो खुद ही रिपेयर होने की कोशिश करता है।

लीवर सिरोसिस लीवर से जुड़ा एक क्रोनिक डिजीज है, जो तुरंत नहीं पनपता। इस बीमारी की शुरुआत लीवर में फैट जमा होने से होती है। फैट की वजह से लीवर को हुए इस डैमेज को फैटी लीवर के नाम जाना है। लीवर सिरोसिस की बीमारी का मुख्य कारण मोटापा, वायरल हेपेटाइटिस से ग्रसित होना,डायबिटीज की बीमारी, दवाईयों का और शराब का अधिक सेवन करना है।

अगर इस बीमारी के लक्षणों को समय पर समझ लिया जाए तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि लीवर सिरोसिस क्या है और उसके लक्षणों से कैसे बचा जा सकता है।

लीवर सिरॉसिस क्या है? लीवर सिरॉसिस फाइब्रोसिस की बिगड़ी हुई अवस्था होती है, लीवर में छोटी परेशानी होने पर उसके टिश्यू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। एक बार जब किसी व्यक्ति को फैटी लीवर की समस्या हो जाती है तो उसके बाद उसके लीवर सिरोसिस की परेशानी शुरू हो जाती है। इस परेशानी को पनपने में तक़रीबन 10 साल का समय लगता है।

इस दौरान अगर लीवर में कोई चोट लोग जाए या सूजन आ जाए तो इसकी वजह से लिवर फाइब्रोसिस (liver fibrosis) की समस्या हो जाती है । लिवर फाइब्रोसिस, फैटी लिवर का अगला स्‍टेज होता है। सिरॉसिस के बाद स्थिति बहुत मुश्किल हो जाती है। इस बीमारी के कई लक्षण होते हैं जिन्हें समझना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि लीवर सिरोसिक के शुरूआती लक्षणों की पहचान बॉडी में कैसे करें।

लीवर सिरॉसिस के लक्षण: हमेशा थकान होना, स्किन पर निशान आना, भूख कम लगना, सेक्स की डिजायर्स कम होना, महिलाओं में इर्रेगुलर पीरियड होना, चोट लगने पर खून का बहते रहना और वजन का तेजी से कम होना।