डायबिटीज खराब लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की वजह से पनपने वाली बीमारी है जिसकी चपेट में बच्चे, युवा और बुजुर्ग वर्ग भी शामिल है। खराब खान-पान की वजह से लोग कम उम्र में ताउम्र रहने वाली बीमारी के शिकार हो जाते हैं। डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप 1 डायबिटीड और टाइप 2 डायबिटीज। ये दोनों तरह की डायबिटीज लम्बे समय तक खान-पान के बिगड़ने की वजह से होती है।

जब हमारी बॉडी में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देता है या फिर बंद कर देता है तो ब्लड में ग्लूकोज का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ब्लड में बढ़ी हुई शुगर कंट्रोल नहीं होने पर मरीज़ डायबिटीज का शिकार बना जाता है।

टाइप 1 डायबिटीड और टाइप 2 डायबिटीज दोनों ही सेहत के लिए नुकसानदायक है। अगर इस बीमारी के लक्षणों की तुरंत पहचान कर ली जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि इन दोनों तरह की डायबिटीज में क्या अंतर है और उनके लक्षणों की पहचान कैसे की जाए।

टाइप 1 डायबिटीज: टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटो इम्युन डिजीज है जिसमें पैन्क्रियाज काम करना बंद कर देता है। पैन्क्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स डैमेज होने लगते हैं जो बॉडी में इंसुलिन प्रोड्यूस करते हैं। इनके डैमेज होने से इंसुलिन नहीं बनता और ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों को रोजान इंसुलिन लेने की जरूरत होती है। ज्यादातर मामलों में टाइप 1 डायबिटीज बच्चों व युवाओं को अपनी चपेट में लेती है। ये डायबिटीज अनुवांशिक होती है, यानी इसमें फैमिली हिस्ट्री मायने रखती है।

टाइप 2 डायबिटीज: टाइप-2 -डायबिटीज ऐसी बीमारी है जिसके लिए मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, खराब जीवन शैली पुरी तरह जिम्मेदार है। इस डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है। कम इंसुलिन बनने की वजह से ब्लड में मौजूद कोशिकाएं इस हार्मोन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती है जिसकी वजह से ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है।

ब्लड में बढ़ते ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल नहीं कर पाने की स्थिति में मरीज टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो जाता है। इस बीमारी का खतरा मध्यम आयु वर्ग या बूढ़े लोगों को ज्यादा होता है, लेकिन अब टाइप 2 डायबिटीज बच्चों और किशोरों को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है।

टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में मरीज में एक ही तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके लक्षणों की समय से पहचान हो जाए तो इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है, साथ ही इस बीमारी की जटिलताओं को भी कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इन दोनों तरह की डायबिटीज के लक्षण कौन-कौन से हैं।

  • बहुत अधिक प्यास लगना और बार बार लगना।
  • थकान,कमजोरी और चिड़चिड़ापन रहना।
  • आंखों से धुंधला दिखाई देना।
  • घाव को ठीक होने मे अधिक समय लगना।
  • बार बार पेशाब आना
  • लगातार भूख लगना
  • वजन कम होना
  • हमेशा थकावट महसूस होना
  • बार बार पेशाब आना और पेशाब में खून आना
  • खुजली या स्किन की परेशानिया
  • सिरदर्द