खराब खानपान व अनियमित जीवनशैली के चलते कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ रहा है। जिसमें ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा व गंभीर बीमारी भी शामिल है। बता दें कि भारत में हर साल लगभग 18 लाख लोग इस गंभीर बीमारी का शिकार होते हैं। दरअसल ब्रेन स्ट्रोक की समस्या होने पर दिमाग में खून के थक्के जमने लगते हैं और दिमाग में पूर्ण रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है।

इसके अलावा स्ट्रोक की समस्या होने पर पीड़ित व्यक्ति के दिमाग की कोशिकाएं भी धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं। वहीं दूसरी ओर ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुए मरीजों में सेकंड स्ट्रोक होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है जो कि जानलेवा भी साबित हो सकता है। जी हां ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर कोई मरीज ब्रेन स्ट्रोक से ठीक हो जाता है तो वह दोबारा इस बीमारी की चपेट में नहीं आ सकता है।

बता दें कि स्ट्रोक के मरीजों में सेकंड स्ट्रोक होने के ज्यादा चांस होते हैं। इसलिए इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं किस प्रकार सेकंड स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है-

सेकंड स्ट्रोक के समय नजर आने वाले लक्षण (Symptoms of second stroke )

न्यूरोलॉजिस्ट किम्बर्ली पी गैनन की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से पीड़ित मरीजों में सेकंड स्ट्रोक के कुछ लक्षण शुरुआती दौर में ही नजर आने लगते हैं। जिन्हें अनदेखा करना आपकी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत आप बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करें। बता दें कि सेकंड स्ट्रोक की समस्या से पहले मरीजों में ये लक्षण नजर आ सकते हैं।

  • आंखों का कमजोर होना ।
  • बार -बार थकान महसूस होना ।
  • सिर दर्द की समस्या होना ।
  • बॉडी के किसी एक हिस्से में अधिक कमजोरी महसूस होना ।
  • बैठते समय परेशानी महसूस होना ।

ऐसे करें बचाव (Tips to reduce the chances of the second stroke)

दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें :अक्सर स्ट्रोक से उभरने के बाद मरीज दवाओं का सेवन करना बंद या कम कर देते हैं। इस कारण के चलते भी सेकंड स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए सेकंड स्ट्रोक का खतरा कम करने के लिए मरीजों को डॉक्टर द्वारा बताई गयी सभी दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए साथ ही डॉक्टर की सलाह लिए बिना दवा लेना बंद न करें।

हेल्दी डाइट फॉलो करें : अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक सेकंड स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए मरीजों को हेल्दी डाइट फॉलो करनी चाहिए। इसके अलावा मरीजों को रेड मीट व कार्बोहायड्रेट वाली चीजों का भी कम से कम सेवन करना चाहिए।

स्मोकिंग से बचें : स्ट्रोक की बीमारी के लिए स्मोकिंग को भी जिम्मेदार माना जाता है। इसलिए स्ट्रोक की समस्या को कम करने के लिए मरीजों को स्मोकिंग करने से बचना चाहिए। बता दें कि स्मोकिंग से स्ट्रोक के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।