Thyroid Health: आज के समय में अधिकांश लोग तनावपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं, खासकर कोरोना महामारी के बीच स्ट्रेस एक आम परेशानी हो गई है। ऐसे में लाइफस्टाइल डिसॉर्डर से ग्रस्त होने का खतरा अधिक है। थायरॉयड एक हार्मोनल इश्यू है जिससे वर्तमान समय में किसी भी उम्र के कई महिलाएं और पुरुष पीड़ित हैं। डॉ. अंजलि कुमार ने अपने इंस्टाग्राम पर बताया है कि स्ट्रेस लेने से थायरॉयड समेत पूरे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। अपने पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा है कि हेल्दी रहने के लिए लोगों को तनाव कम लेना चाहिए।
डॉक्टर के अनुसार हाइपोथायरॉयडिज्म और हाइपरथायरॉयडिज्म, दोनों ही ऑटो-इम्युन डिजीज के प्रकार हैं। आसान शब्दों में कहें तो शरीर का इम्युन सिस्टम टिश्यूज के खिलाफ हो जाता है। वो कहती हैं कि ऐसा स्ट्रेस, परेशानी, एंग्जायटी, डाइट और पॉल्यूशन की वजह से हो सकता है। ऐसे में लोगों को वो तमाम कोशिशें करनी चाहिए जिससे स्ट्रेस और चिंता को कम किया जा सके।
बता दें कि थायरॉयड एक तितली के आकार की छोटी सी ग्रंथि होती है जो गले के आगे वाले हिस्से में होता है। ये विंडपाइप को रैप किये रखता है। दूसरे ग्लैंड्स की तरह ही थायरॉयड भी हार्मोन बनाता है, खासकर थायरॉक्सिन। ये हार्मोन मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने और शरीर के दूसरे जरूरी फंक्शंस को पूरा करता है।
जब थायरॉयड ग्लैंड ठीक तरीके से कार्य नहीं करता है तो इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। जब शरीर में इस हार्मोन की अधिकता हो जाती है तो इसे हाइपरथायरॉयडिज्म और कमी की स्थिति को हाइपोथायरॉयडिज्म कहते हैं।
ऐसी होनी चाहिए मरीजों की डाइट: हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि थायरॉयड डिसॉर्डर को कम करने के लिए कोई स्पेशल डाइट नहीं है। हालांकि, संतुलित आहार लेने से थायरॉयड फंक्शन बेहतर होता है। आयोडीन युक्त फूड्स का सेवन करें और ओमेगा फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ भी खाएं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक समुद्री मछली जैसे झींगा, सेलफिश, ट्यूना और सालमन खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, मुलेठी, ड्राई फ्रूट्स, मशरूम खाना भी इन मरीजों के लिए लाभदायक होगा।
खाने से बचें ये चीजें: पत्ता गोभी, ब्रोकली और फूल गोभी जैसी क्रुसिफेरस सब्जियों में गाइट्रोगन की मात्रा अधिक होती है। ये थायरॉयड को ट्रिगर करने के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अलावा, सोयाबीन, चावल, मैदा और जंक फूड से भी परहेज करना चाहिए।
