Diabetes Test: डायबिटीज के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहने की जरूरत होती है। इस पर काबू नहीं रहने पर शरीर के दूसरे अंगों पर इसका प्रभाव पड़ता है। इससे मरीज कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ये एक क्रॉनिक डिजीज है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रहना बेहद आवश्यक होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मधुमेह रोगियों को हर कुछ दिनों पर लोगों को ब्लड शुगर चेक करने की सलाह देते हैं। अगर इसका स्तर सीमा में नहीं है तो मरीजों को अपने खानपान व जीवन शैली में बदलाव लाने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि घर पर बैठे किस तरह डायबिटीज की जांच की जा सकती है –

ग्लूकोज मॉनिटर: आमतौर पर डायबिटीज के मरीज जिनकी स्थिति गंभीर होती है, यानि जिनका ब्लड शुगर लेवल हमेशा ही बढ़ा होता है, वो घर पर ही रक्त शर्करा जांचने की मशीनें रखते हैं। इससे हर दिन या कुछ-कुछ दिनों के अंतराल वो अपना ब्लड शुगर चेक कर लेते हैं। अधिकतर देखा गया है कि ये मरीज ग्लूकोज मॉनिटर (एक सीजीएम) या ब्लड शुगर मीटर अपने पास रखते हैं जिसके इस्तेमाल से वो अपने शुगर लेवल पर नजर रखते हैं। इस टेस्ट में लोग अपनी उंगली पर नीडल चुभाते हैं जिसके जरिये उनका ब्लड शुगर लेवल पता चलता है।

रक्त ग्लूकोज मीटर: इस मशीन के जरिये बिना सुई चुभोए हुए भी लोग अपने ब्लड शुगर के स्तर का पता लगा सकते हैं। ज्यादातर जगहों पर उपलब्ध ये मशीन बेहद किफायती होती है। ये मशीन साइज में छोटा और पोर्टेबल होता है। लोग इसका इस्तेमाल कहीं पर भी कर सकते हैं।

यूरिन टेस्ट: यूरिन के जरिये भी लोग रक्त शर्करा का स्तर जांच सकते हैं। हालांकि, इस तरीके से लोगों को केवल यही पता चल सकता है कि यूरिन में ब्लड शुगर का लेवल कितना है। वहीं, जरूरी नहीं है कि इस तरीके से जो रीडिंग पता चलती है वो पूरी तरह सही हो।

क्या होती है ब्लड शुगर की नॉर्मल रीडिंग: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार स्वस्थ लोगों का ब्लड शुगर लेवल 70-99 मिलीग्राम / डीएल के बीच होता है। इसका मतलब है कि जिन्हें डायबिटीज की परेशानी नहीं है, उनका नॉर्मल ब्लड शुगर रीडिंग यही रहता है। ब्लड शुगर का ये स्तर फास्टिंग में होता है, यानि कि व्यक्ति आठ घंटे या उससे अधिक समय से भूखा होता है। वहीं, जब आपने पिछले दो घंटों में खाया है, तो यह 140 मिलीग्राम / डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए।