मोटापा खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से पनपने वाली बीमारी है, जो कई बीमारियों को जन्म देती है। मोटापा बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, दिल के रोग, स्ट्रॉक, अस्थमा, ऑस्टियोअर्थराइटिस और महिलाओं में बांझपन की शिकायत हो सकती है। मोटापा को कम नहीं किया जाए तो इसके जोखिम बढ़ने के आसार ज्यादा रहते हैं। मोटापा बढ़ने का सबसे ज्यादा असर दिल पर पड़ता है।
एक रिसर्च के मुताबिक बॉडी का वेट बढ़ने का असर दिल के वेट पर भी पड़ता है। वजन बढ़ने से दिल का वजन आठ ग्राम तक बढ़ जाता है। वजन बढ़ने से दिल के आकार में पांच फीसदी इज़ाफा होने लगता है जिसका असर दिल की धड़कनों पर भी पड़ता है।
दिल का आकार बढ़ने से दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। मोटापे की समस्या वाले लोग अगर अपने वजन में कमी लाएं तो दिल की धड़कनों को अनियमित होने से बचा सकते हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर दिल की अच्छी सेहत के लिए कितना बॉडी वेट माकूल है।
कितना वजन हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है:
एक्सपर्ट के मुताबिक जिस पुरुष का बीएमआई (Body mass index) 22 से ज्यादा है तो वो ओवरवेट माना जाता है। 25 और 29.9 के बीच बीएमआई का मतलब है कि आपका वजन अधिक बढ़ गया है। 30 से अधिक बीएमआई का मतलब आप बहुत मोटे हो गए हैं। आपको बता दें कि बीएमआई की गणना करते समय मांसपेशियों पर ध्यान नहीं दिया जाता । 30 बीएमआई से ज्यादा वाले व्यक्ति मोटापे के शिकार होते हैं और उनको गंभीर दिल के रोग होने का खतरा होता है।
रिसर्च में हुआ खुलासा:
मोटापा दिल के दौरे का कारण बन सकता है इस बात को प्रमाणित करने के लिए लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के बायोबैंक डाटाबेस के 4561 लोगों पर शोध किया है। शोध में पाया गया कि जो लोग मोटापे का शिकार थे उनके दिल में 4.3 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी थी। दिल के आकार में वृद्धि होने का सीधा असर दिल के ऊपरी हिस्सों पर पड़ता है जो दिल को पंप करने में मदद करता हैं।
दिल को हेल्दी रखने के लिए इस तरह करें मोटापा को कंट्रोल:
- पानी का ज्यादा सेवन कीजिए मेटाबॉलिज्म बूस्ट रहेगा।
- मोटापा को कंट्रोल करने के लिए ग्रीन टी का सेवन करें।
- फास्ट फूड से परहेज करें।
- सुबह और शाम वॉक करें। बॉडी एक्टिविटी बेहद जरूरी है।