मछली के तेल का सेवन करने से दिल संबंधी बीमारियां, हाइपरटेंशन, किडनी संबंधी समस्याओं, डिप्रेशन, सोरायसिस, डायबिटीज, पेट में अल्सर, आंखों का सूखापन आदि तमाम तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। यह बच्चों में अस्थमा के खतरे को कम करने के लिए भी यह फायदेमंद होता है। लेकिन सर्जरी से पहले मछली का तेल खाना बंद कर देना सलाह दी जाती है। लेकिन हाल ही में हुए एक शोध से यह बात सामने आई कि मछली का तेल सर्जरी में ब्लीडिंग की समस्या को दूर कर सकता है।

अभी तक माना जाता है कि सर्जरी के दौरान रक्तस्त्राव के जोखिम को कम करने के लिए मरीजों को सर्जरी से पहले मछली का तेल लेने से मना करने की सिफारिश की जाती है या जो मरीज मछली का तेल रहे हैं, उनकी सर्जरी में देरी करने की सिफारिश की जाती है। लेकिन हाल में हुए शोध से पता चला है कि मछली का तेल हाइपरट्रिग्लीसेरीडेमिया या कार्डियोवैस्कुलर (हृदय संबंधी) बीमारी की रोकथाम के लिए सबसे आम प्राकृतिक पूरक है। मछली के तेल में पाया जानेवाला ओमेगा-3एस सर्जरी के दौरान रक्तस्त्राव के जोखिम को कम करता है।

यह शोध सर्कुलेशन नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसमें बताया गया है कि रक्त में ओमेगा-3 की उच्च मात्रा – ईपीए और डीएचए मिलकर रक्तस्त्राव के जोखिम को कम करता है। यह शोध कुल 1,516 मरीजों पर किया गया, जिनकी कार्डिएक सर्जरी होनी थी। आधे मरीजों को ओमेगा-3एस का डोज दिया गया, जबकि आधे मरीजों को प्लेसबो (शोध के लिए झूठी-मूठी दवाई देना) दिए गए।

बता दें कि शोध के दौरान पाया गया कि जिन मरीजों को ओमेगा-3एस दिया गया था, उनमें सर्जरी के दौरान चढ़ाने के लिए कम यूनिट रक्त की जरूरत पड़ी। ओमेगाक्वांट के संस्थापक बिल हैरिस ने कहा, “इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि कार्डिएक सर्जरी से पहले मछली के तेल का सेवन रोकने या सर्जरी में देरी की जो सिफारिश की जाती है, उस पर पुर्नविचार करने की जरूरत है।” ओमेगा-3एस खासतौर से ईपीए और डीएचए हृदय, मस्तिष्क, आंखें और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन ज्यादातर लोग इस मूल्यवान फैटी एसिड का पर्याप्त सेवन नहीं करते हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरों का जोखिम बढ़ाता है।