Keto Diet Side effects: कोई भी बीमारी के शुरुआती कारणों में वजन का अत्यधिक बढ़ना शामिल है। खराब जीवनशैली, स्ट्रेस और जंक फूड का अधिक सेवन इंसान को मोटापा का शिकार बनाता है। ये आगे चलकर कई दूसरी और गंभीर बीमारियों को बुलावा देता है। अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वाले लोग वजन कम करने के लिए व्यायाम से लेकर डाइटिंग तक करते हैं। आज के टाइम में वेट लॉस के लिए ज्यादातर लोग एक फिक्स्ड डाइट चार्ट को फॉलो करने की कोशिश करते हैं। इन्हीं में से एक है कीटोजेनिक डाइट जिसे आम भाषा में कीटो डाइट भी कहा जाता है। मोटापा घटाने में ये डाइट कारगर तो है लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हैं जो शरीर को नकारात्मक तौर पर प्रभावित करता है। आइए जानते हैं –
क्या है कीटो डाइट: इस डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और प्रोटीन मॉडरेट अमाउंट में पाया जाता है। ये एक हाई-फैट डाइट है जिसमें शरीर ऊर्जा के लिए फैट पर निर्भर करता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। वजन घटाने में कीटो डाइट प्लान इसलिए ज्यादा सफल होता है क्योंकि इस डाइट को फॉलो करने से शरीर कीटोसिस की स्थिति में चला जाता है। इस स्थिति में शरीर कार्बोहाइड्रेट की जगह फैट से ऊर्जा लेना शुरू कर देता है। हालांकि, इस डाइट को अपनाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
बना सकता है हार्ट पेशेंट: इस डाइट में फैट की मात्रा सबसे अधिक होती है। डाइटीशियन्स की मानें तो कीटो डाइट में 70 प्रतिशत फैट, 25 परसेंट प्रोटीन और 5 फीसदी कार्बोहाइड्रेट्स मौजूद होते हैं। इतने अधिक फैट का सेवन लोगों के हृदय को कमजोर बना सकता है, जिससे कार्डियोवास्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, इस डाइट में लोगों को जिन खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह दी जाती है वो भी दिल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
पोषक तत्वों की कमी: कीटो डाइट फॉलो करने वाले लोगों को कई तरह के खाद्य पदार्थों को खाने से मनाही होती है। इस वजह से शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते। इस डाइट से लोगों को विटामिन डी, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते। ज्यादा समय तक कीटो डाइट पर रहने वाले लोगों में कई तरह के विटामिंस की कमी हो सकती है।