WHO Limited Screen For Children Under 5: बच्चों में टीवी और इलेक्ट्रानिक गैजेट्स के बढ़ते क्रेज को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेताया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है, 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टीवी स्क्रीन के संपर्क में नहीं आना चाहिए। वहीं 2 से 4 साल के बच्चों को 1 घंटे से अधिक टीवी नहीं देखना चाहिए। दूसरी तरफ यूनाइटेड नेशन्स हेल्थ एजेंसी ने 5 साल के बच्चों को लेकर अपनी रिपोर्ट में ज्यादा कंसर्न जताया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि आईपैड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बच्चों से दूर रखना ही सबसे बड़ा सामाधान है। रिपोर्ट के मुताबिक 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अधिक व्यायाम और नींद लेनी चाहिए ताकि किशोरावस्था और वयस्कता में मोटापा जैसी बीमारियां उत्पन्न ना हों।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनोम गेब्रिसस के मुताबिक सभी लोगों के लिए अच्छा स्वास्थ्य हासिल करन जरूरी है। शुरुआती बचपन ऐसा समय होता है जब अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि परिवार की जीवन शैली उस अनुकूल हो। रेडियो और टीवी के प्रभाव को लेकर चिंतित पुरानी पीढ़ियों के शोधकर्ता स्क्रीन टाइम के प्रभाव का अध्ययन कर रहे हैं। इस अध्ययन में टीवी, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, डिजिटल टैबलेट और वीडियो गेम जैसे उकरण शामिल किए गए हैं। इसके जरिए ये पता लगाया जाएगा कि इससे पूरे शरीर और ब्रेन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने दिशानिर्देश (2016) के अनुसार 18 महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए वीडियो-चैटिंग और किसी भी तरह की स्क्रीन को देखने के लिए मनाही की गई है। वहीं 18 से 24 महीने के बच्चों के लिए एकेडमी निर्देश देते हुए माता-पिता को हिदायत दी थी कि वे इस उम्र के बच्चों के साथ केवल केयरिंग प्रोग्राम ही देखें। बच्चों के शारीरिक, मानसिक में सुधार के लिए शारीरिक गतिविधि करने की हिदायत दी है। ऐसा करने से बचपन में मोटापे और बाद में होने वाली कई बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगा। डब्ल्यूएचओ ने 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए हिदायत देते हुए कहा, बच्चों को ऊंची कुर्सियों पर 1 घंटे से ज्यादा देर तक बैठने को मना किया। और प्रतिदिन 10 घंटे की नींद के साथ तीन घंटे की शारीरिक एक्सरसाइज करने की बात कही है।

