जोड़ों का दर्द बहुत ही कष्टदाई होता है। खासकर सर्दियों में यह दर्द कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाता है। दरअसल होता ये है कि सर्दियों में हमारा रक्त शरीर के सभी हिस्सों में सामान्य गति से संचारित नहीं होता और इस कारण जोड़ों में होने वाला दर्द और बढ़ जाता है। गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को कूल्हों, कोहनी, घुटनों, कंधो और हाथों के पास दर्द रहता है।
इस तरह के दर्द से बचने के लिए जरूरी है कि हम अपने खान- पान का ख्याल रखें और शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं। दर्द को कम करने के लिए खास किस्म का तेल भी खासा फायदा पहुंचाते हैं और इस बात को इस क्षेत्र के विशेषज्ञ भी स्वीकारते हैं। आयुर्वेद के ज्ञाता श्याम वीएल ने बताया कि यूकेलिप्टस यानि नीलगिरी के तेल से जोड़ों के दर्द में बहुत आराम पहुंचता है।
डॉक्टर ने बताया कि यूकेलिप्टस में दर्द निवारक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसमें कई प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यूकेलिप्टस के तेल को प्रभावित जोड़ों और मांसपेशियों पर लगाकर मसाज करने से राहत मिलता है। यूकेलिप्टस का तेल केवल जोड़ों के दर्द से ही राहत नहीं दिलाता बल्कि इसके कई और फायदे हैं जैसे-
– गले में खराश और टोंसिल की समस्या से भी यह राहत दिलाता है। इसके लिए आप गर्म पानी में दो मिलीलीटर यूकेलिप्टस का तेल, एक चुटकी काला नमक और हल्दी पाउडर मिला लें और इससे गार्गल करें।
– पेट के कीड़ों को भी इसकी मदद से दूर किया जा सकता है। यूकेलिप्टस के तेल के साथ एनिमा क्रिया करना फायदेमंद होता है।
– तेल के साथ साथ- यूकेलिप्टस की पत्तियां भी फायदेमंद होती हैं। उनको सुखाकर और पाउडर बनकर जलाने से घाव में राहत मिलती है और उसमें पस नहीं बनता।
-सर्दी जुकाम में नाक बंद की समस्या से भी यूकेलिप्टस फायदा पहुंचाता है। गर्म पानी में कुछ बूंदे यूकेलिप्टस तेल की डालकर उसका भाप लेने से बंद नाक खुलता है और जुकाम से राहत मिलता है।