बारिश के मौसम में घरों में छोटे-छोटे कीड़ों का आतंक अधिक बढ़ जाता है। खासकर इस मौसम में मच्छर सबसे अधिक परेशान करते हैं। वहीं, मच्छर के काटने से डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियां व्यक्ति को घेर सकती हैं। ऐसे में घरों से मच्छरों को दूर रखने के लिए लोग तमाम तरह के तरीके अपनाते हैं। इनमें मॉस्किटो कॉइल का इस्तेमाल सबसे आम है।
हालांकि, मॉस्किटो कॉइल की सेफ्टी को लेकर अक्सर कई तरह के सवाल लोगों के मन में आते हैं। इनमें भी सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इन कॉइल का इंसानों की सेहत पर भी कोई असर पड़ता है? इस आर्टिकल में हम आपको इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं। आइए समझते हैं इस बारे में विस्तार से-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इन कॉइल में एलेथ्रिन और पाइरेथ्रोइड्स जैसे सक्रिय तत्व होते हैं, जो मच्छरों को दूर रखने में प्रभावी हैं। हालांकि, जब इन कॉइल को जलाया जाता है तब इनसे कुछ अल्ट्रा फाइन पार्टिकल्स निलकलते हैं। इन कणों में फॉर्मेल्डिहाइड, बेंजीन और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) जैसे हानिकारक रसायन शामिल हैं। ये रसायन इंसानों की सेहत पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।
श्वसन संबंधी समस्याएं
कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि मॉस्किटो कॉइल से श्वसन संबंधी समस्याएं होना सबसे आम है। खासकर अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा या ब्रोंकाइटिस है तो इन लोगों में खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। जब आप इन कॉइल को जलाते हैं, तो इनसे पायरेथ्रिन पेस्टीसाइड, डाईक्लोरो-डाईफेनाइल-ट्राईक्लोरोइथेन (DDT) और कार्बन फॉस्फोरस जैसे हानिकारक तत्व निकलते हैं।
खासकर अगर आप बंद कमरे में कॉइल को जलाते हैं तो पूरे कमरे में कार्बन मोनोक्साइड भर जाती है, इससे ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है। इस कमरे में ज्यादा देर तक रहने से व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है या दम घुटने से मौत होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
कैंसर का जोखिम
आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन मच्छर भगाने वाली इन कॉयल के संपर्क में लंबे समय तक रहने से कैंसर के जोखिम भी पैदा हो सकते हैं। जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, इन कॉयल से फॉर्मेल्डिहाइड और बेंजीन जैसे रसायन निकलते हैं। वहीं, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने इन रसायनों को कार्सिनोजेन के रूप में मान्यता दी है। यानी ये रसायन कैंसर के जोखिम, विशेष रूप से फेफड़ों के कैंसर के विकास का खतरा बढ़ा सकते हैं।
सिगरेट से ज्यादा हानिकारक
इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी की एक रिसर्च में ये भी पाया गया है कि मच्छर मारने वाली एक कॉयल को जलाने से लगभग 100 सिगरेट जितना धुआं निकलता है। यानी ये सिगरेट से भी ज्यादा डेंजरस होती है।
इन सब से अलग इस कॉयल के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से स्किन एलर्जी, सिर में तेज दर्द, आंखों में खुजली और जलन की परेशानी भी बढ़ सकती है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।