High Uric Acid: ब्लड में जब यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो हाइपरयूरिसेमिया की परेशानी होने लगती है। हाई यूरिक एसिड लेवल लोगों को कई बीमारियों के करीब ले जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ने से अर्थराइटिस और गाउट जैसी कष्टकारी बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यूरिक एसिड की अधिकता होने पर किडनी भी सुचारू रूप से फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह जाती है। वहीं, प्यूरीन नामक प्रोटीन की अधिकता के कारण शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में टॉक्सिक मेटीरियल्स शरीर में ही रह जाते हैं।

नींबू और यूरिक एसिड: विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा यूरिक एसिड को बाहर निकालने में नींबू मददगार साबित हो सकता है। इसमें सिट्रिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है, ये एसिड यूरिक एसिड को डिसॉल्व होने में मदद करता है।

क्या हैं नींबू के इस्तेमाल के फायदे: साल 2017 में हुई एक स्टडी में ये पाया गया है कि नींबू का जूस और लेमन एक्स्ट्रैक्ट खून में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैसे वयस्क जो हाई यूरिक एसिड से परेशान हैं उन्हें हर दिन करीब 6 हफ्तों तक ताजा नींबू निचोड़कर उसके रस का सेवन करना चाहिए।

विशेषज्ञों के अनुसार नींबू के असर से गाउट बीमारी का खतरा भी कम होता है। वहीं, जिनका यूरिक एसिड लेवल नॉर्मल होता है, अगर वो इसका सेवन करते हैं तो इससे बैलेंस बनाने में मदद मिलती है।

कैसे करता है शरीर पर असर: नींबू के रस की प्रकृत्ति अल्कलाइन होती है जिससे रक्त में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड को काबू करने में मदद मिलती है। बता दें कि ये शरीर का pH लेवल बढ़ाकर यूरिक एसिड को सामान्य करने की कोशिश करता है।

एक अध्ययन के अनुसार जब लोग नींबू के जूस का सेवन करते हैं तो बॉडी ज्यादा मात्रा में कैल्शियम कार्बोनेट रिलीज करता है। कैल्शियम यूरिक एसिड के साथ बॉन्ड बनाता है और पानी व दूसरे घटकों में तोड़ता है। इससे रक्त कम एसिडिक होता है और बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है।

कितनी होनी चाहिए खुराक: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार खून में यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलित करने के लिए रोजान 30 मिलीलीटर फ्रेश लेमन जूस यानी करीब आधा नींबू का रस लेना चाहिए। नींबू का रस निकाल लें और इसे एक गिलास गर्म पानी के साथ डाइल्यूट कर लें।

साइड इफेक्ट्स भी जान लें: नींबू का रस एसिडिक होता है जिस वजह से कई लोगों के दांतों के बाहरी हिस्से को खराब कर सकता है। इसके अलावा, मुंह, गले और पेट में इरिटेशन हो सकती है। इन परेशानियों से बचने के लिए लोगों नींबू का रस पानी में मिलाकर पीना चाहिए। साथ ही, इसके सेवन के बाद कुल्ला करें।