काम की मसरूफियत के सामने हम खाना पीना तो भूल ही जाते हैं साथ ही पेशाब करने के लिए भी वक्त नहीं निकाल पाते। आप जानते हैं कि आपकी काम की मसरूफियत और पेशाब को रोक कर रखने की आदत आपकी सेहत की दुश्मन बन सकती है। यूरीन के नेचुरल फंक्शन को कभी-कभी मजबूरी में रोकना समझ में आता है लेकिन आप आदतन इस तरह का बर्ताव करते हैं तो आप अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। रेगुलर पेशाब को होल्ड करने से यूरिन से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं।
वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स, मीरा रोड के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. आशुतोष बघेल के मुताबिक हमारे शरीर में मूत्राशय (Bladder) को एक गुब्बारे की तरह समझा जा सकता है। जब ब्लैडर धीरे-धीरे यूरिन से भरने लगता है, तो यह एक निश्चित सीमा के बाद मस्तिष्क को संकेत भेजता है कि अब इसे खाली करने का समय आ गया है। यदि इस संकेत को लगातार नजरअंदाज किया जाए और यूरिन को देर तक रोका जाए, तो यह मूत्राशय की मांसपेशियों पर दबाव डाल सकता है, जिससे आगे चलकर कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
एक्सपर्ट ने बताया यूरीन को देर तक रोकने से ब्लैडर फूल जाता है और उसपर दबाव पड़ता है। लम्बे समय तक अगर ब्लैडर पर दबाव बना रहे तो कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पेशाब को लम्बे समय तक दबाकर रखने से कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती हैं।
यूटीआई और ब्लैडर संक्रमण का बढ़ सकता है खतरा
पोषण विशेषज्ञ लीमा महाजन के अनुसार, पेशाब को बार-बार या लंबे समय तक रोकने की आदत से यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है। जब हम बार-बार मस्तिष्क द्वारा भेजे जा रहे यूरिन रिलीज़ के संकेत को अनदेखा करते हैं, तो यूरिन लंबे समय तक ब्लैडर में जमा रहता है। इससे उसमें मौजूद बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और ये संक्रमण फैलाते हुए मूत्रमार्ग और ब्लैडर तक पहुंच सकते हैं। जब 5-6 घंटों तक हम ऐसे ही पेशाब को दबाते हैं तो इससे ब्लैडर की कार्यक्षमता पर भी असर पड़ सकता है। ऐसा करने से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है और यूरिन लीकेज और बार-बार पेशाब आने की परेशानी हो सकती है। इन परेशानियों से बचना चाहते हैं तो बॉडी जैसे ही पेशाब करने का संकेत दे, तुरंत उसे टालने की बजाय डिस्चार्ज करें। दिन भर पानी पीते रहे, यूरिन से जुड़ी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
पेल्विक फ्लोर हो सकते हैं कमजोर
लम्बे समय तक रोजाना पेशाब रोककर काम में लगे रहने से आपके ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है और पेल्विक फ्लोर की ताकत भी घट जाती है। पेल्विक फ्लोर कमजोर होने पर बिना पेशाब की इच्छा के पेशाब निकल जाता है। ब्लैडर को हेल्दी रखने के लिए और यूरिन से जुड़ी इस समस्या का समाधान करने के लिए आप कीगल एक्सरसाइज करें। यदि यूरिन लीकेज की समस्या बार-बार हो रही है तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।
नेचुरल यूरिन डिस्चार्ज सिस्टम पर पड़ता है बुरा असर
जब आप बार-बार या लंबे समय तक पेशाब को रोकते हैं, तो धीरे-धीरे शरीर के नेचुरल यूरिन डिस्चार्ज मैकेनिज़्म पर इसका असर पड़ने लगता है। यूरोलॉजी एक्सपर्ट्स के अनुसार हमारे मस्तिष्क और ब्लैडर के बीच एक समन्वय होता है, जो यह तय करता है कि कब पेशाब करने की ज़रूरत है। लेकिन जब इस संकेत को बार-बार नजरअंदाज किया जाता है, तो दिमाग इन संकेतों को धीरे-धीरे गंभीरता से लेना बंद कर देता है। नतीजा यह होता है कि आपको यूरिन डिस्चार्ज करने की सही टाइमिंग का अहसास नहीं हो पाता। आप बिना जरूरत के बाथरूम जाने लगते हैं। यह आदत आपके नेचुरल ब्लैडर रिफ्लेक्स को डिस्टर्ब कर सकती है। यूरिन फंक्शन के लिए ज़रूरी है कि शरीर द्वारा भेजे गए संकेतों को पहचाना जाए और उन्हें सही समय पर रिस्पॉन्ड किया जाए।
पेशाब रोकने की आदत किडनी भी कर सकती है खराब
लंबे समय तक पेशाब को रोके रखना केवल ब्लैडर ही नहीं, बल्कि किडनी के लिए भी खतरनाक हो सकता है। जब हम यूरिन को बार-बार या देर तक रोकते हैं, तो मूत्राशय में जमा होने वाला दबाव धीरे-धीरे किडनी तक पहुंचने लगता है। इससे किडनी पर प्रेशर बढ़ जाता है और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित कर सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक पेशाब को लम्बे समय तक रोकने से किडनी में यूरिन बैकफ्लो की संभावना भी बढ़ जाती है, जिससे संक्रमण और किडनी डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ये आदत यूरिक एसिड के स्तर को भी प्रभावित करती है जिससे गाउट और किडनी स्टोन का खतरा रहता है।
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