हम भारतीयों का मोटापा सबसे पहले पेट से ही दिखता है। ज्यादातर मामलों में मोटापा बढ़ने पर पेट पर चर्बी जमा होने लगती है जिसे बेहद जतन के बाद भी आसानी से कंट्रोल नहीं किया जाता। पेट पर चर्बी का जमा होना डायबिटीज और दिल के रोगों का खतरा बढ़ा देता है। पेट पर जमा चर्बी दो तरह की होती है एक सबक्यूटेनियस जो स्किन के नीचे होती है और दूसरा विसरल फैट जो आंतों के आसपास होता है। विसरल फैट ज़्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह अंगों को प्रभावित करता है। पेट की चर्बी इंसुलिन की संवेदनशीलता को कम करती है, जिससे ब्लड शुगर स्पाइक करता है। पेट की चर्बी हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को भी बढ़ाती है।
अब सवाल ये उठता है कि पेट की चर्बी सचमुच फैट है या फिर ब्लोटिंग की समस्या है। ब्लोटिंग यानी पेट का फूलना जिसे लोग अक्सर पेट की चर्बी समझते हैं और उसे कंट्रोल करने के उपाय तलाशते रहते हैं।
अपोलो अस्पताल, दिल्ली में आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. चटर्जी ने बताया उनके पास ऐसे कई मरीज आते हैं जो पेट फूलने की समस्या को पेट की चर्बी समझते हैं। एक्सपर्ट ने बताया पेट का फूलना (Bloating) एक ऐसी स्थिति है जो गैस या तरल पदार्थों के कारण होने वाली अस्थायी सूजन और भरा हुआ एहसास है। एक्सपर्ट ने बताया पेट की चर्बी और ब्लोटिंग में फर्क होता है जिसे समझना बेहद जरूरी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पेट की चर्बी ब्लोटिंग है या फिर पेट पर जमा फैट है।
ब्लोटिंग क्या है और इसका क्या कारण है?
ब्लोटिंग और बेली फैट दोनों ही स्थितियों में पेट का साइज बढ़ा हुआ दिखता है, लेकिन इनकी वजह अलग-अलग होती हैं और इनका इलाज भी अलग तरीके से किया जाता है। बात करें ब्लोटिंग की तो ये एक ऐसी अस्थायी स्थिति है जो पाचन तंत्र में हवा, गैस या तरल पदार्थ जमा होने के कारण होती है। यह आमतौर पर अचानक होती है और पेट में कसाव, भारीपन या बेचैनी का अहसास देती है।
ब्लोटिंग की समस्या कई कारणों से होती है जैसे ज़्यादा खाना खाना,गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे बीन्स, फूलगोभी, ब्रोकली, सोडा या अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन करने से ये समस्या हो सकती है। कुछ फूड्स के एलर्जी होने से भी पेट में ये परेशानी हो सकती है। कुछ बीमारियों में भी पेट फूलने की समस्या हो सकती है जैसे IBS (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम),आंतों में बैक्टीरिया अधिक होने से या फिर कब्ज की समस्या होने से ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। अक्सर ब्लोटिंग होने पर पेट की स्थिति दिनभर में बदलती रहती है। खाने के बाद पेट ज्यादा फूला हुआ महसूस होता है और मल त्याग या पाचन के बाद घट जाता है। आपको बता दें कि ब्लोटिंग एक अस्थायी पेट फूलने की स्थिति है, जो पाचन से जुड़ी होती है और कुछ समय में ठीक हो सकती है।
बेली फैट की पहचान कैसे करें
बेली फैट यानी पेट की चर्बी एक स्थायी स्थिति होती है जो समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती है। यह स्थिति तब होती है जब कैलोरी का सेवन और उसका खर्च असंतुलित हो जाता है। पेट की चर्बी के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे लम्बे समय तक बैठे रहना,ज्यादा तनाव, हॉर्मोनल बदलाव,नींद की कमी, मीठे और प्रोसेस फूड्स का अधिक सेवन करने से पेट पर फैट तेजी से जमा होने लगता है। बेली फैट शरीर में जमा चर्बी है, जो कई कारणों से धीरे-धीरे बढ़ती है और इसके लिए खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है।
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