हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी उस स्थिति में की जाती है जब बॉडी में बनने वाले नेचुरल हार्मोन में कमी होने लगती है। इन हॉर्मोन की कमी होने पर महिलाओं की बॉडी को खासतौर पर कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है। मीनोपॉज एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला का शरीर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का उत्पादन करना बंद कर देता हैं। इस स्थिति से बचने के लिए और मीनोपॉज को टालने के लिए अक्सर महिलाएं हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का सहारा लेती है।

इंटरनेट पर ऐसे ज्ञान की भरमार है जिसमें कहा जाता है कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन अगर ज्यादा हो तो उम्र का असर कम हो जाता है और इससे मेनोपॉज भी देर से हो सकता है। ऐसे में अगर महिलाओं को एस्ट्रोजन हार्मोन सप्लीमेंट दे दें तो बढ़ती उम्र को बढ़ने से रोका जा सकता है। लोगों का ऐसा मानना है कि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं।

इस मिथ पर जवाब देते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में सीनियर कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. सुभाष कुमार वांग्नू ने बताया है कि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी)मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है, लेकिन इसकी शुरुआत में देरी नहीं कर सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक एस्ट्रोजेन थेरेपी को स्तन कैंसर,ब्लड के थक्के और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से भी जोड़ा गया है। एक्सपर्ट ने बताया कि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के जोखिम और लाभ अलग-अलग इंसान में अलग-अलग हो सकते हैं इसलिए ये थेरेपी केवल चिकित्सकीय देखरेख में ही लेनी चाहिए। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि एस्ट्रोजन हॉर्मोन कैसे उम्र को कम करने और सेहत के लिए फायदेमंद है।

एस्ट्रोजेन हॉर्मोन कैसे महिलाओं की उम्र और सेहत को प्रभावित कर सकता है:

एस्ट्रोजेन एक हार्मोन है जो महिलाओं में विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये हॉर्मोन महिलाओं में प्रजनन कार्य, हड्डियों के स्वास्थ्य और दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। हाल ही में शोधकर्ताओं ने महिलाओं में एंटीऑक्सिडेंट और लम्बी उम्र से संबंधित जीन के उत्थान पर एस्ट्रोजेन के संभावित फायदेमंद प्रभावों का भी पता लगाया है। अध्ययनों में पहले ही पता चल चुका है कि एस्ट्रोजन एंटीऑक्सिडेंट जीन जैसे सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज और ग्लूटाथियोन पेरोक्सीडेज को अपग्रेड कर सकता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद कर सकता है। ये कैंसर,दिल के रोग और न्यूरोडीजेनेरेटिव जैसे पुराने रोगों के जोखिम को कम कर सकता है।

रिसर्च में एस्ट्रोजेन को लम्बी उम्र से संबंधित जीन जैसे SIRT1 और FOXO3A को अपग्रेड करने के लिए दिखाया गया है, जो बेहतर माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन,कम सूजन और पशु में जीवनकाल में बढ़ोतरी करने से जुड़े हैं। इन निष्कर्षों से पता चलता है कि एस्ट्रोजेन का सेलुलर उम्र बढ़ने और उम्र से संबंधित बीमारियों पर सुरक्षात्मक प्रभाव डाल सकता है।

क्या महिलाएं एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन की मदद से मीनोपोज की शुरुआत में देरी कर सकती हैं?

मीनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया है जो महिलाओं में तब होती है जब उनके अंडाशय अंडे का उत्पादन बंद कर देते हैं और एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। जबकि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) मीनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है लेकिन ये मीनोपॉज की शुरुआत में देरी नहीं कर सकती है। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन थेरेपी जिसे HRT के रूप में भी जाना जाता है,ये मेनोपॉज से जुड़े कुछ लक्षणों जैसे हॉट फ्लैशेज, रात में पसीना आना,वजाइना का ड्राई रहना और मूड स्विंग को कम करने में मदद कर सकती है।