खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव हमारी गट हेल्थ को दिनों दिन बिगाड़ रहा है। खराब डाइट हमारी गट हेल्थ को प्रभावित कर रही है। खराब डाइट और तनाव का नतीजा है कि लाखों लोग आंतों से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं। आंतों में सूजन होना एक ऐसी बीमारी है जो इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज (IBD) जैसी बीमारियों से जुड़ी होती है, जिसमें मुख्य रूप से क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) शामिल हैं।

आंतों में सूजन के कारणों की बात करें तो बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट्स के कारण आंतों का संक्रमण होना, आंतों की ऑटोइम्यून बीमारी जिसमें इम्यून सिस्टम आंतों पर हमला करता है। अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड, मसालेदार भोजन और ज्यादा फैट वाला खाना और तनाव इस बीमारी का कारण बनते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी जैसे लैक्टोज इनटॉलरेंस या ग्लूटेन सेंसिटिविटी भी आंत में सूजन का कारण बनती है।

आंतों में सूजन होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे पेट दर्द और ऐंठन, दस्त या कब्ज,खून या म्यूकस के साथ मल आना, वजन घटना और कमजोरी,भूख न लगना,पेट में लगातार गैस बनने जैसे लक्षण दिखते हैं। आप जानते हैं कि आंतों में परेशानी होने पर पेट के अलावा जीभ पर भी एक लक्षण दिखता है।

आदर्श आयुर्वेदिक फार्मेसी हरिद्वार,उत्तराखंड में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीपक कुमार ने बताया आंतों में सूजन होने पर हमारी जीभ डॉक्टर की तरह काम करती है। जीभ पर अगर सफेद परत जमी है तो समझ जाए कि आपका पेट बुरी तरह से प्रभावित है। पेट में बहुत ज्यादा विटामिन और प्रोटीन की कमी हो गई है। आंतों में गुड बैक्टीरिया की कमी और आंतों में सूजन होने की तरफ इशारा करती है जुबान की पीली परत। आंतों में सूजन होने पर अगर कुछ चीजों का सेवन रोजाना किया जाए तो पेट से जुड़ी सारी परेशानियां जैसे कब्ज, गैस और एसिडिटी से राहत पाई जा सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ऐसी स्थिति में कैसे आंतों की सूजन का करें इलाज।

ईसबगोल की भूसी का करें सेवन

आंतों की परेशानी का इलाज करना चाहते हैं तो आप रोजाना इसबगोल का सेवन करें। आंतों की सूजन को कंट्रोल करने के लिए बेल का चूर्ण और इसबगोल की भूसी बहुत प्रभावी मानी जाती हैं, क्योंकि ये दोनों नेचुरल तरीके से पाचन को सुधारते हैं और आंतों की सूजन (Intestinal Inflammation) को कम करने में मदद करते हैं। बेल में मौजूद औषधीय गुण आंतों की सूजन को कम करने में बेहद उपयोगी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो सूजन को कम करते है और आंतों की झिल्ली को आराम देते हैं। एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव आंतों में बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को रोकता है और पाचन में सुधार करता है। इसका सेवन करने से आंतों की जलन और गैस की समस्या से राहत दिलाता है।

बेल का सेवन करें

कच्ची बेल को पीस कर उसका चूर्ण बना लें और एक चम्मच इस चूर्ण में एक चम्मच ईसबगोल की भूसी मिक्स करें और उसका सेवन रोजाना करें तो आप नेचुरल तरीके से अपनी आंत की सेहत में सुधार कर सकते हैं। इस आयुर्वेदिक औषधि का सेवन सिर्फ दो तीन दिन में ही अपना असर दिखाने लगता है। 1 चम्मच बेल का चूर्ण + 1 चम्मच इसबगोल की भूसी को गुनगुने पानी या छाछ के साथ सुबह खाली पेट या रात में सोने से पहले ले फायदा होगा।

मट्ठा का सेवन करें

आंतों की सेहत में सुधार करने के लिए आप रोजाना मट्ठा का सेवन करें। ताजा मट्ठे का सेवन करने से पेट की गैस, कब्ज और एसिडिटी का इलाज होता है। यह एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है, जो पाचन को दुरुस्त करता है और आंतों की सूजन को कम करता है। दोपहर के खाने के बाद मट्ठा का सेवन सबसे अच्छा है।

केला करता है आंतों की सूजन कंट्रोल

केला आंतों की सेहत को दुरुस्त करने में बेहद मदद करता है। इसमें फाइबर, पोटैशियम, विटामिन B6 और प्रीबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन को सुधारने और गट हेल्थ को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं।

सुबह उठते ही हल्दी और नीम की 2 गोली को खा लें, बॉडी में जमा सारे कीटाणु हो जाएंगे खत्म, गट हेल्थ रहेगी दुरुस्त। इन दोनों हर्ब की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आप लिंक में क्लिक करें।