आंतों में सूजन होना एक ऐसी परेशानी है जिससे ज्यादातर लोग जूझ रहे हैं। आंतों में सूजन की वजह से बॉडी में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं जैसे नाभि अपनी जगह से बाह-बार हट जाती है, खाना अच्छे तरीके से पचता नहीं, बॉडी में कमजोरी बढ़ जाती है और वजन तेजी से कम होने लगता है। आंतों में सूजन और नाभि का अपनी जगह से हटना एक असामान्य स्थिति हो सकती है जिसके कारण पेट में गैस, कब्ज, या आंतों में इन्फ्लेमेशन हो सकती है। जब आंतों में सूजन होती है तो पेट का आकार बढ़ सकता है और इससे नाभि की स्थिति में भी बदलाव हो सकता है। हालांकि यह परेशानी टैम्परेरी होती है।

अगर नाभि का स्थान बार-बार बदल रहा हो और इसमें दर्द या दूसरी परेशानियां हो रही हैं तो उसके लिए हर्निया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे IBS, कब्ज, सूजन संबंधी समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं। कभी-कभी पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होने पर नाभि का स्थान भी थोड़ा बदल सकता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

डॉ. रमाकांत शर्मा प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग के जरिए गैस्ट्राइटिस,एसिड रिफ्लक्स और डायबिटीज का नेचुरल तरीके से इलाज करते हैं, उन्होंने एक वीडियो में आंतों की सूजन के कम होने का तरीका बताया है। आंत की सूजन एक ऐसी परेशानी है जो पाचन को बुरी तरह प्रभावित करती है। इसकी वजह से आंतों में गंदगी जमा होने लगती है, खाना शरीर को लगता नहीं और वजन तेजी से कम होने लगता है। आंतों की सूजन से आंतों की कार्यक्षमता में तेजी से कमी आने लगती है। आंतों की सूजन को कंट्रोल करने के लिए आंतों में सड़ रहे मल का बाहर निकलना जरूरी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आंतों की सूजन को कंट्रोल करने का नेचुरल तरीका बताया है।

कुंजल प्रक्रिया से करें आंतों की सूजन कंट्रोल

आंतों की सूजन कंट्रोल करना चाहते हैं और आंतों की सफाई करना चाहते हैं तो आप कुंजल प्रक्रिया को अपनाएं। कुंजल प्रक्रिया (Kunjal Kriya) एक योगिक शुद्धिकरण प्रक्रिया है, जो आंतों और पेट से जुड़ी समस्याओं को सुधारने में मदद करती है। यह प्रक्रिया आंतों में सूजन, गैस, कब्ज और अन्य पाचन संबंधी विकारों को कंट्रोल करने में उपयोगी मानी जाती है। कुंजल प्रक्रिया में मुख्य रूप से पानी को पीकर और फिर उसे उल्टी के माध्यम से बाहर निकालने की प्रक्रिया होती है।

यह पाचन तंत्र को साफ करने और आंतों में किसी भी तरह की रुकावट को कम करने में मदद करती है। कुंजल प्रक्रिया से पेट और आंतों में जमा किसी प्रकार के विषाक्त पदार्थ और गंदगी बाहर निकलती हैं, जिससे सूजन और गैस की समस्या में राहत मिलती है। इस प्रक्रिया में आपको पानी ज्यादा पीना होता है।

आंवला,त्रिफला और हरड़ के पाउडर का करें सेवन

आंतों को साफ करना चाहते हैं तो आप आंवला,त्रिफला और हरड़ के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। हरड़ का सेवन करने के बाद पानी का सेवन ज्यादा करें। जिन लोगों को कब्ज ज्यादा रहता है, एसिडिटी और अपच की समस्या होती है ऐसे लोग आंवला पाउडर का सेवन कर सकते हैं। जिन लोगों को कम एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स होता है वो कम त्रिफला और हरड़ का सेवन कर सकते हैं। ये जड़ी बूटियां आंतों की गंदगी साफ करेंगी और आंतों को हेल्दी रखेंगी।

इन सब्जियों का करें सेवन

नेचुरल तरीके से आंतों की सूजन को कंट्रोल करना चाहते हैं तो डाइट में लौकी, टिंडा, परवल,कद्दू और तौरी जैसी हरी सब्जियों का सेवन करें। पानी से भरपूर ये सब्जियां कब्ज दूर करेंगी और आंतों में जमा गंदगी भी साफ करेंगी। ये सब्जियां आंतों में जमेंगी नहीं और जल्दी पच जाएंगी। इनका सेवन करने से आंतों की सूजन कंट्रोल रहेगी। आप सब्जियों का सेवन उसकी खिचड़ी बनाकर भी कर सकते हैं।

फलों का सेवन ज्यादा करें

आंतों की सूजन को कंट्रोल करने के लिए और आंतों को साफ करने के लिए फाइबर से भरपूर फलों का सेवन ज्यादा करें। फल जल्दी पच जाते हैं और इनसे पाचन तंत्र पर दबाव नहीं पड़ता और आंते साफ होती है।

 आंतों की सूजन का इलाज

आंतों की सूजन को कंट्रोल करने के लिए गर्म और ठंडी पट्टी बांधें। पेट पर गर्म और ठंडी सिकाई करने के बाद पेट पर मिट्टी की पट्टी बांधें। खाने के आधा घंटे बाद अगर आप आंतों पर ठंडे पानी की पट्टी रखते हैं तो इससे आंतों की सूजन कंट्रोल रहती है। आंतों की सूजन को कंट्रोल करने के लिए रोजाना 40 मिनट तक जरूर टहलें। आप जब टहलें तो आप मुंह में पानी भरकर ही टहलें। अनुलोम और विलोम करें आंतों की सूजन कंट्रोल रहेगी।

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