सर्दियों का मौसम कई बीमारियों के पनपने के लिए माकूल माहौल है। इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों और बच्चों को होती है। सर्दी में सांस से संबंधी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है, जो छोटे बच्चों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। तेज सर्दी में वातावरण में वायरस और बैक्टीरिया के कण मौजूद रहते हैं जो बच्चों को बेहद परेशान करते हैं।
हवा में श्वसन संबंधी वायरस के कारण ज्यादातर बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं जिनसे उन्हें कान में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। वातावरण में वायरस और बैक्टीरिया के कण बच्चों में कान के संक्रमण का मुख्य कारण है।
मधुकर रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में वरिष्ठ सलाहकार,ENT सर्जन डॉ.अनूप सभरवाल ने बताया बच्चों में कान में संक्रमण होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जैसे कान में दर्द होना, बुखार,सोने में कठिनाई होना,बिना किसी कारण के बच्चे का रोते रहना,मिजाज़ में चिड़चिड़ापन होने जैसे लक्षण दिखाई दिखते हैं। गंभीर स्थिति में बच्चे की नाक बहने लगती है, खांसी और उल्टी भी होती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि सर्दी-खांसी और कान में संक्रमण होने पर बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं और उनसे कैसे बचाव करें।
सर्दी-खांसी और कान में संक्रमण का बॉडी पर असर
एक्सपर्ट ने बताया कि बच्चो में सर्दी, खांसी और कान दर्द जैसे शुरुआती लक्षणों का पता चलने पर तुरंत कुछ सावधानियां बरतना शुरु कर दें ताकि संक्रमण का असर लम्बे समय तक परेशान नहीं करें। सर्दी,खांसी और कान के संक्रमण का इलाज समय पर नहीं किया जाए तो यह कई समस्याओं जैसे सुनने की हानि,बॉडी विकास में देरी,कान का परदा फटना और संक्रमण का मस्तिष्क तक फैलने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
संक्रमण से बचाव करने के लिए इन उपायों को अपनाएं
- कान के दर्द और संक्रमण से निपटने के लिए हीट पैड का उपयोग करें। हीटिंग पैड से सिकाई करने पर सर्दी से राहत मिलेगी और संक्रमण का असर भी कम होगा।
- कान के संक्रमण से बचने के लिए कान की हीटिंग पैड से सिकाई करें।
- बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें जिससे सांस की बीमारियों से बचा जा सकता है।
- अपने बच्चे के टीकाकरण की स्थिति के बारे में अपडेटेड रहें।
- अगर आपका बच्चा अभी छोटा है तो आप उसे ब्रेस्ट फिडिंग ही कराएं। स्तनपान आपके बच्चे को कान के संक्रमण सहित विभिन्न बीमारियों से बचा सकता है।
- कान में सूजन और संक्रमण से बचने के लिए बच्चे के कान की नियमित सफाई का ध्यान रखें, जिससे तरल पदार्थ का संचय नहीं होगा।
- सेलाइन नोज ड्रॉप्स और भाप का उपयोग करके अपने बच्चे की नाक को साफ रखने की कोशिश करें।