Anxiety: Overview, symptoms, causes, and treatments: स्वस्थ व्यक्ति पर रिसर्च कर पाया गया है कि पर्याप्त नींद की कमी के कारण मनुष्य में चिंता का स्तर बढ़ रहा है। कुछ ऐसे लोगों पर यह रिसर्च किया गया है कि रात की पूरी नींद ने लेने से मनुष्य में चिंता का स्तर 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। दरअसल कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह पाया कि नींद (sleepless night) की कमी के कारण मस्तिष्क के कुछ विशेष हिस्से में चिंता और चिड़चिड़ापन की गतिविधि बढ़ जाती है। साथ ही गहरी नींद के लिए मस्तिष्क के में जिस तरंग की आवश्यकता होती है, वह प्रभावित होता है।

इसके अलावा नींद का मस्तिष्क के नेटवर्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। न्यूरोसाइन्स और मनोविज्ञान के प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखक मैथ्यू वॉकर ने कहा है जब मनुष्य रोजाना रात्रि में गहरी नींद लेता है तो वह चिंता से दूर रहता है। नेचर ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक नींद और चिंता के बीच सबसे मजबूत तंत्रिका लिंक को प्रदान करते हैं। साथ ही इस अध्ययन से यह भी पता लगाया गया कि स्वाभाविक नींद, बिना दवाओं की प्रयोग से ली गई नींद स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसका प्रयोग अमेरिका के  40 मिलियन लोगों पर किया गया।

इसके साथ ही वहां बच्चों और वयस्कों अनिद्रा और से उत्पन्न चिंता की समस्या बढ़ रही है। एक अन्य अध्ययन के प्रमुख लेखक एटी बेन साइमन के मुताबिक अपर्याप्त नींद चिंता के चिंता के स्तर को बढ़ाती है। जबकि गहरी नींद इस तरह के तनाव को कम करने में मदद करती है। शोधकर्ताओं ने एमआरआई और पॉलीसोम्नोग्राफी तकनीति का प्रयोग करते हुए 18 युवाओं के दिमाग को स्कैन किया जिसमें यह पता लगाया गया कि पूरी रात के बाद जो नींद लेते हैं उनमें चिंता का स्तर 50 प्रतिशत बढ़ गया।

रिसर्च के परिणाम में यह भी पाया गया कि पूरी रात नींद लेने से मनुष्य में चिंता का स्तर बहुत कम हो जाता है। शोधकर्ताओं के निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश देशों में नींद की कमी के कारण लोगों में चिंता का स्तर बढ़ रहा है। वॉकर के मुताबिक निराशा और आशा के बीच सबसे अच्छा पुल नींद की एक अच्छी रात है। साइमन ने कहा कि चिंता विकारों वाले लोग नियमित रूप से नींद में गड़बड़ी करते हैं।