Fatty Liver Home Remedies: फैटी लिवर एक ऐसी स्वास्थ्य संबंधित समस्या है जिससे बहुत से लोग परेशान हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है हमारी खराब जीवनशैली। गलत खान पान और अनहेल्थी आदतों के कारण लोग इसके शिकार होते हैं। इस बीमारी से ग्रसित लोगों में थकान, पेट फूलना, वजन कम होना, अपच जैसी समस्याएं आम है।
लिवर की कोशिकाओं पर अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाने से फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। वैसे लिवर के आस पास कुछ मात्रा में फैट जमा होना आम बात है। लेकिन फैटी लिवर की समस्या तब होती है जब फैट की मात्रा लिवर के भार से दस प्रतिशत अधिक हो जाती है। मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रोल के मरीजों को इस बिमारी से अधिक सतर्क रहना चाहिए। फैटी लिवर की परेशानी को योग और स्वस्थ जीवनशैली से दूर किया जा सकता है।
इन योगासनों को रोजाना करें
मंडुकासन:
मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेढक के अकार जैसी स्थिति प्रतीत होती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ब्रजासन में बैठे और अंगूठे को बहार की तरफ निकाल कर अपनी मुठ्ठी को बंद कर लें। फिर दोनों मुठ्ठी को नाभि के दोनों ओर इस प्रकार लगाएं कि मुठ्ठी खड़ी हो और अनूठे अंदर की तरफ हों। अब सांस को बाहर छोड़ते हुए सामने झुकते हुए ठोड़ी को भूमि में टिका दें। थोड़ी देर ऐसी स्थिति में रहने के बाद वापस ब्रजासन में आ जाए। इसे करने से पाचन तंत्र सही रहता है और लिवर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
शशकासन:
शशक का अर्थ होता है खरगोश। इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की खरगोश जैसी आकृति बन जाती है। इसीलिए इसे शशकासन कहते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को सांस भरते हुए ऊपर उठा लें। कंधों को कानों से सटा हुआ महसूस करें। फिर सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे समानांतर फैलाते हुए, सांस बाहर निकालते हुए हथेलियां को भूमि पर टिका दें। फिर माथा भी भूमि पर टिका दें। कुछ समय तक इसी स्थिति में रहकर पुनः वज्रासन की स्थिति में आ जाइए।
गोमुखासन:
जैसा की नाम से पता चलता है, गोमुखासन करते वक्त व्यक्ति की गाय के मुख जैसी आकृति बन जाती है इसीलिए इसे गोमुखासन कहा जाता हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों को सामने सीधे एड़ी- पंजों को मिलाकर बैठे। हाथ कमर से सटे हुए हो और हथेलियां भूमि टिकी हुई हों। अब बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें। दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर एक दूसरे से स्पर्श करते हुए रखें। इस स्थिति में दोनों जंघा एक-दूसरे के ऊपर आ जाएगी।
अब एक ओर से लगभग एक मिनट तक करने के पश्चात दूसरी ओर से इसी प्रकार करें। जब तक इस स्थिति में आराम से रहा जा सकता है तब तक रहें। कुछ देर बाद धीरे- धीरे सांस छोड़ते हुए हाथों को खोल दें और पहले जैसी स्थियी में आ जाएं। फिर दाएं पैर को मोड़कर तथा दाहिने हाथ को उपर से पीछे ले जाकर इसे करें तो एक चक्र पूरा होगा। अगर आपको हाथ, पैर और रीढ़ की हड्डी में कोई गंभीर समस्या हो तो यह आसन न करें। (यह भी पढ़ें)- Diabetes: ब्लड शुगर लेवल चेक करने से पहले कहीं आप भी तो नहीं कर रहे हैं ये गलतियां, रीडिंग में हो सकती है गड़बड़ी; जानिए
चक्रासन:
इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाए और दोनों हाथों को बगल में रखे। फिर दाएं पैर को घुटने से मोड़ कर लाते हुए ठीक बाएं पैर के घुटनें की सीध में रखे। फिर दाएं हाथ को पीछे ले जाए, जिसे मेरुदंड के समांतर रखे। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर यह आसन करें। इसके बाद बाएं हाथ को दाहिने पैर के घुटने के ऊपर से जाते हुए जमीन पर रखें। इसके बाद गर्दन को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाएं और ज्यादा से ज्यादा पीछे की ओर देखने को कोशिश करें।
खानपान में लाएं बदलाव:
• तले भुने एवं जंक फूड को खाना छोड़ दे।
• ताज फल और सब्जियों को भोजन में शामिल करें।
• भोजन में लहसुन को शमिल करें यह फैट जमा होने से रोकता है।
• पालक, ब्रॉक्ली, करेला, लौकी, गाजर, चुकंदर, प्याज, अदरक तथा अंकुरित अनाज खाएं।
• ग्रीन टी का सेवन करें।
• नियमित रुप से प्राणायाम करें।
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