हार्ट अटैक एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए सालों की खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हार्ट अटैक के लिए ट्राई ग्लिसराइड और LDL कोलेस्ट्रॉल जिम्मेदार है। आधुनिक जीवनशैली में जंक फूड, अत्यधिक तेल-घी, धूम्रपान, शराब, तनाव और नींद की कमी जैसी चीजें दिल पर भारी पड़ती हैं। जब शरीर में ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) और एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, तो ये धीरे-धीरे रक्त वाहिकाओं (arteries) की दीवारों पर जमा होने लगते हैं। इस प्रक्रिया को प्लाक (plaque) जमना कहते हैं। समय के साथ ये प्लाक रक्त प्रवाह को बाधित कर देता हैं और जब किसी नली में ब्लॉकेज बन जाता है, तो रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति दिल तक नहीं पहुंच पाती, यही स्थिति हार्ट अटैक (Heart Attack) को जन्म देती है।

पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के ऐसे मामलों सामने आए हैं जिसमें मरीज हार्ट अटैक के समय अकेला होता है।  2024 से 2025 के बीच लगभग आधे मामलों में अचानक होने वाले हार्ट अटैक में मरीज अकेले थे, ऐसे में इमरजेंसी मदद या तो देर से पहुंची या बिल्कुल नहीं मिल पाई। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लोगों में हार्ट अटैक के लक्षण कई घंटे या कभी-कभी कुछ दिनों पहले से शुरू हो सकते हैं, जबकि कुछ मामलों में यह कुछ ही मिनटों में गंभीर रूप ले सकते हैं। यही अनिश्चितता इसे एक मेडिकल इमरजेंसी बनाती है, जहां तुरंत कार्रवाई बेहद जरूरी होती है।

कार्डियो सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ. सी.एम. नागेश ने बताया हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत अक्सर हल्के और धीरे-धीरे शुरू होते हैं। लगभग दो-तिहाई लोगों को बड़ा हार्ट अटैक आने से पहले चेतावनी देने वाले लक्षण महसूस होते हैं, खासकर चलते समय। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि अगर मरीज अकेला है और उसे हार्ट अटैक आ जाए तो उसे क्या करना चाहिए।

हार्ट अटैक के लक्षण

अधिकतर लोग इसे छाती में दबाव, भारीपन या कसाव जैसा महसूस करते हैं, जो कुछ मिनटों तक रहता है या बीच-बीच में आता-जाता है। यह दर्द जबड़े, कंधे, बाजू या पीठ तक फैल सकता है। इसके अलावा सांस फूलना, मतली, चक्कर आना या अत्यधिक पसीना आना भी आम लक्षण हैं। कुछ लोगों में खासकर डायबिटीज़ के मरीजों और महिलाओं में लक्षण असामान्य हो सकते हैं जैसे अत्यधिक थकान, अपच या ऊपरी पीठ में दर्द होना शामिल है। हार्ट अटैक के बाद कई जटिलताएं हो सकती हैं जैसे सडन कार्डियक अरेस्ट, ब्लीडिंग, क्लॉट, फेफड़ों में पानी भरना या किडनी डैमेज, इसलिए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

अगर कोई व्यक्ति अकेला हो और उसे लगे कि उसे हार्ट अटैक हो रहा है तो उसे क्या करना चाहिए?

  1. अगर आपको हार्ट अटैक का शक हो, तो तुरंत इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को कॉल करें। डॉ. नागेश सलाह देते हैं कि बॉडी में लक्षण दिखने पर खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल न जाएं।
  2. ऐसे में मरीज शांत रहे, बैठें या आरामदायक स्थिति में लेटें। शरीर को ज्यादा हिलाना-डुलाना नहीं चाहिए। 
  3. अगर डॉक्टर ने नाइट्रोग्लिसरीन दवा दी है, तो निर्देशानुसार उसे लें।
  4. अगर आपको एलर्जी नहीं है, तो एक सामान्य एस्पिरिन चबाने से रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है।
  5. ऐसे में दरवाजा खुला रखें और धीरे-धीरे गहरी सांस लेने पर ध्यान दें। इस तरह सांल लेने और छोड़ने से घबराहट कम होती है और दिल की सेहत में सुधार होता है।

हृदय रोग से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम हैं

  • संतुलित आहार लें जिसमें फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल हों।
  • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
  • रोज़ कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें।
  • तनाव को कंट्रोल में रखें और नींद पूरी लें।
  • नियमित रूप से ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें।

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