यूरिक एसिड की परेशानी आज के समय में बेहद आम हो गई है। कम उम्र के लोग भी इस समस्या से परेशान रहने लगे हैं। इतना ही नहीं, बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक बढ़ जाने के चलते कई बार पीड़ित को चलने-फिरने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, एक राहत की बात यह है कि दवाओं से अलग हमारे आसपास कई ऐसी चीजें मौजूद हैं, जो बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने और इसके कारण होने वाली परेशानियों से राहत दिलाने में योगदान कर सकती हैं। इन्हीं खास चीजों में से एक है तुलसी।
आइए जानते हैं किस तरह तुसली का सेवन यूरिक एसिड की समस्या में असरदार हो सकता है, साथ ही राहत के लिए आप तुलसी का इस्तेमाल किस तरह कर सकते हैं।
इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर यूरिक एसिड की परेशानी होती कैसे है-
यूरिक एसिड हमारे खून में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है। ये प्यूरीन नामक रसायन के टूटने पर बनता है। वहीं, प्यूरीन कई तरह के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी व्यक्ति के शरीर में 7.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से अधिक यूरिक एसिड की मात्रा गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।
दरअसल, यूरिक एसिड बॉडी के ज्वाइंट्स में क्रिस्टल बनकर जमने लगता है। इससे हड्डियों के बीच में गैप हो जाता है, हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं और व्यक्ति को जोड़ों में तेज दर्द, सूजन, ऐंठन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कैसे फायदेमंद है तुलसी?
कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि तुलसी में मूत्रवर्धक गुण होते हैं और ये गुण शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मददगार होते हैं, जिससे बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा कम होने लगती है। इसके अलावा तुलसी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न की परेशानी पर असर दिखाते हैं। ऐसे में नियमित रूप से तुलसी के पत्तों का सेवन करने से यूरिक एसिड की समस्या से राहत पाई जा सकती है।
कैसे करें सेवन?
तुलसी पाउडर
इसके लिए तुलसी की पत्तियों को सुखाकर उनका पाउडर बना लें। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए आप रोज सुबह एक चम्मच इस पाउडर का गर्म पानी के साथ सेवन कर सकते हैं।
तुलसी और अदरक
एक पैन में दो गिलास पानी लें। इसमें एक गाठ ताजे अदरक की घिसकर डाल लें, साथ ही इसमें 6 से 7 तुलसी के पत्तों को भी धोकर डाल लें। इसके बाद पानी को आधा होने तक उबाल लें। ठंडा होने पर पानी को छानें और रोज खाली पेट इसका सेवन करें। तुलसी से अलग अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी दर्द से राहत दिलाने में असरदार माने जाते हैं।
तुलसी और नींबू
तुलसी के पत्तों का रस निकालें फिर उसमें दो से तीन बूंद नींबू का रस मिलाएं। ये मिश्रण भी आपको फायदा पहुंचा सकता है। नींबू में विटामिन सी होता है, वहीं कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि विटामिन सी खून में यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे आपको जोड़ों में दर्द, ऐंठन, सूजन आदि समस्या से राहत मिलती है।
तुलसी और काली मिर्च का पेस्ट
इन सब से अलग आप तुलसी की पत्तियों और काली मिर्च को पीसकर एक पेस्ट बना सकते हैं। इस पेस्ट को जोड़ों पर लगाने से दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।
