मलाशय के आस-पास की नसों में सूजन की वजह से बवासीर यानी कि हैमराइड की समस्या होती है। इसकी सबसे प्रमुख वजह खान पान का अनियमित होना है। बवासीर दो तरह की होती है। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखाई नहीं देती जबकि बाहरी बवासीर में यह गुदा के बिल्कुल बाहर दिखाई देती है। इस बीमारी में जब मलत्याग किया जाता है तब अत्यधिक पीड़ा और फिर रक्त स्राव की समस्या होती है। कुछ आयुर्वेदिक औषधियां इसके उपचार में बहुत मददगार हैं। इनके इस्तेमाल से बवासीर से पूरी तरह से छुटकारा पाया जा सकता है।

छाछ और जीरा – बवासीर को जल्द से जल्दी ठीक करने का यह बेहतरीन उपाय है। दो लीटर छाछ में पचास ग्राम जारी पीसकर मिला लें और जब भी प्यास लगे तब पानी की जगह यह मिश्रण पिएं। तीने से चार दिन के अंदर ही लाभ दिखने लगेगा। छाछ की जगह पानी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच जारी पाउडर मिलाकर पिएं।

इसबगोल – इसबगोल की भूसी खाने से पेट साफ रहता है और मल की कठोरता कम होती है। इससे बवासीर में दर्द नहीं होता।

बड़ी इलायची बड़ी इलायची की 50 ग्राम मात्रा लेकर तवे पर भून लीजिए। जब इलायची भूनत हुए जल जाए तब इसे तवे पर से उतारकर ठंडा कर लीजिए और पीसकर रख लीजिए। हर रोज सुबह खाली पेट इस चूर्ण के साथ पानी पीजिए। जल्दी ही बवासीर ठीक हो जाएगा।

किशमिश – रात को सोते समय सौ ग्राम किशमिश को पानी में भिगो दें। सुबह उठकर पानी में ही इसे मसल डालें और रोज इस पानी का सेवन करें। बवासीर रोग में यह बेहद फायदेमंद नुस्खा है।

जामुन – खूनी बवासीर में जामुन औप आम की गुठली बड़े काम की चीज होती है। जामुन और आम की गुठली के अंदर का भाग निकालकर इसे धूप में सुखा लें और इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा गुनगुने पानी या फिर छाछ के साथ सेवन करें। बवासीर में बेहद लाभ मिलेगा।