Liver Inflammation: आज की बिगड़ती दिनचर्या और बदलते खानपान के बीच बीमारियां शरीर पर आसानी से धावा बोल देती है। लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा संचय और शरीर से अपशिष्ट विषैले पदार्थों को निकालने आदि का काम करता हुआ है। भोजन को पचाने, उसे ऊर्जा में तब्दील करने और वसा संचय जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी लिवर सक्रिय भूमिका निभाता है। ऐसे में इसे हेल्दी रखने की जिम्मेदारी और भी अधिक है। कमजोर लिवर कई बीमारियों का कारण बन सकता है।
फैटी लिवर भी इन्हीं बीमारियों में से एक है जिसमें लिवर में सूजन हो जाती है या फिर वो संकुचित यानि कि सिकुड़ जाता है। इस वजह से खाना पचाना मुश्किल हो जाता है। मरीजों के लिवर में फैट इतना अधिक हो जाता है कि उन्हें असुविधा और पेट में दर्द की शिकायत होती है।
फैटी लिवर के लक्षण: माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक-तिहाई हिस्सा फैटी लिवर से पीड़ित है। इसे साइेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इस बीमारी के लक्षण जल्दी नहीं सामने नहीं आते हैं। हालांकि, आमतौर पर देखा गया है कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की शिकायत होती है। उल्टी आना, स्किन में खुजली होना, भूख कम लगना, चक्कर आना, आंख और त्वचा पर पीलापन, हथेलियों का लाल होना, पैरों में सूजन, थकावट और कमजोरी महसूस होने अथवा पेट से जुड़ी समस्या फैटी लिवर का लक्षण हो सकती हैं।
किन्हें है ज्यादा खतरा: मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों में फैटी लिवर का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा, जो लोग ज्यादा जंक फूड या फिर कोल्ड ड्रिंक पीते हैं – उन्हें भी ये बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है। ऐसे में लोगों को अपने खानपान को लेकर बेहद सतर्क रहना चाहिए।
कैसी होनी चाहिए डाइट: लिवर को हेल्दी रखने पत्तागोभी कारगर साबित होता है। इसमें सल्फर, विटामिन सी और पोटैशियम मौजूद होता है, जो लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। इसके अलावा, गाजर, मूली व हरी सब्जियों का सेवन भी फायदेमंद होता है। वहीं, डाइट में खिचड़ी, दलिया, सूप, दाल का पानी और जूस को भी शामिल करें। माना जाता है कि आप जितना अधिक तरल पदार्थ लेंगे लिवर को स्वस्थ रखना उतना आसान होगा। ऐसे में छाछ, नारियल पानी, ग्रीन टी और सीमित मात्रा में कॉफी का सेवन भी फायदेमंद है।