ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्रेन में मौजूद सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं। इन सेल्स के बढ़ने से स्थिति बेहद खराब हो जाती है। ब्रेन में टिश्यूज़ की एक गांठ बन जाती है जिसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता हैं। ट्यूमर शरीर के अन्य भागों से शुरू होता है और बाद में मस्तिष्क में फैल जाता है जिसे ब्रेन ट्यूमर के रूप में जाना जाता है। ट्यूमर मस्तिष्क के चाहे किसी भी हिस्से में हो वो मरीज को बहुत नुकसान पहुचाता है। ट्यूमर दो तरह का होता है एक बिनाइन टयूमर जो ज्यादा खतरनाक नहीं होता। दूसरा मालिगनेंट टयूमर कैंसर होता हैं जिनका अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो वो दिमाग में फैल जाता हैं।

कैंसर के ट्यूमर तेजी से बढ़ने लगते हैं जो आक्रामक होते हैं। जबकि दूसरी तरफ, बिनाइन ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ता हैं जो ज्यादा आक्रामक नहीं होता। इस बीमारी का पता चलने पर मरीज तनाव में आ जाता है। हालांकि ब्रेन ट्यूमर लाइलाज बीमारी नहीं है इसका इलाज संभव है।

ब्रेन ट्यूमर का समय रहते पता चल जाए तो इस बीमारी के जोखिम से बचा जा सकता है। लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 8 जून को ‘ब्रेन ट्यूमर डे’ मनाया जाता है। इस घातक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है। अगर इस बीमारी के लक्षणों का पता पहले से लग जाए तो जिंदगी को ज्यादा नुकसान होने से बचाया जा सकता है। लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन की शुरूआत साल 2000 में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा की गई थी।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

  • याददाश्त कम होना
  • जी मिचलाना
  • किसी भी चीज पर फोकस करने में परेशानी होना
  • मिर्गी के झटके आना, कमजोरी, शरीर का सुन्न हो जाना।
  • आंखों की रोशनी प्रभावित होना
  • आवाज में बदलाव होना
  • तनाव और डिप्रेशन
  • सुनाई कम देना
  • मसल्स में कमजोरी होना
  • तनाव और डिप्रेशन

ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित इनसान इन उपायों को अपनाएं।
ब्रेन ट्यूमर के मरीज मशरूम का सेवन करें। डाइट में मशरूम का सेवन करने से ट्यूमर के मरीज को फायदा होगा।
ब्रेन ट्यूमर के मरीज तनाव से दूर रहने के लिए योगा करें। योगा करने से तनाव दूर होता है और बीमारी का उपचार भी होगा।