बोर्ड परीक्षाओं का दौर है। सभी स्टूडेंट्स तैयारियों में लगे हुए हैं। परीक्षाओं में सबसे अच्छे नंबर्स लाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें मानसिक तनाव होना आम बात है। तनाव झेल पाने की क्षमता हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। कई छात्रों के लिए परीक्षा का यह तनाव काफी भारी हो जाता है और ऐसे में उनके शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये लक्षण छात्रों की सेहत के लिए काफी चिंताजनक होते हैं।

बच्चों में तनाव के लक्षण –

शरीर पर दिखने वाले लक्षण – तनाव की वजह से बच्चों की दिल की धड़कन बढ़ जाती है और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा पसीना आना, पेट में मरोड़, मुंह सूख जाना, बेहोशी, बहुत ज्यादा गर्मी लगना, नींद न आना, थकान, भूख में कमी आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

भावनात्मक लक्षण – तनाव उनके इमोशन्स पर भी बुरा प्रभाव डालता है। ऐसे में उनमें रोने या फिर हंसने की इच्छा, बार-बार क्रोध, असहाय सा महसूस करना, डर, निराशा, अवसाद और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण दिखते हैं।

बर्ताव में बदलाव – बहुत ज्यादा तनाव में होने पर बच्चों के व्यवहार में भी परिवर्तन आता है। ऐेसे में उनमें बेचैनी, लोगों से बचने की कोशिश करना, अधीरता महसूस करना, नशे वाली चीजों का सेवन और अपने आप को नुकसान पहुंचाने वाले काम संबंधी लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

मानसिक लक्षण – तनाव बच्चों में नकारात्मक सोच विकसित करता है। इसके अलावा इस वजह से उनकी एकाग्रता में कमी आती है, याद्दाश्त कमजोर होता है और वह हमेशा भ्रम में उलझे दिखाई पड़ते हैं।

परीक्षाओं के बेहतर होने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले आफ इनके तनाव से मुक्ति पा लें। एग्जाम्स को हौव्वा बनाने से बचें और शांत होकर विषयों की तैयारियों में लग जाएं। इसके लिए आप कुछ अन्य टिप्स आजमा सकते हैं जिससे आपको परीक्षाओं के तनाव से मुक्ति मिलने में मदद मिल सकती है।

1. परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर सोचना बंद कर दें और पढ़ना शुरू कर दें। सुबह के तरोताजा मौसम में उन विषयों को पढ़ें जो आपको कठिन लगते हैं। इसके अलावा आसान विषयों को तब पढ़ने की कोशिश करें जब आप थकान महसूस कर रहे हों।

2. एक समय-सारणी बनाकर उसके हिसाब से पढ़ना शुरू करें। हर एक-दो घंटे के बाद दस मिनट का एक छोटा सा ब्रेक लें।

3. परीक्षाओं की तैयारी के लिए ग्रुप स्टडी एक बेहतर विकल्प है। इसमें उलझे सवालों को आप अपने साथियों की मदद से हल कर सकते हैं।

4. लगातार बैठकर पढ़ने के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर पर टहलते रहें। व्यायाम करना भी एक विकल्प हो सकता है।

5. तैयारियों के बीच 6-8 घंटे की नींद बेहद जरूरी है। इसके अलावा सेहतमंद डाइट भी बेहद जरूरी है। ताजे फल, सब्जियां, प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड तनाव से लड़ने में सहायक खाद्य हैं। इनका सेवन करें।