डकार आना शरीर की एक स्वभाविक प्रक्रिया है जिसका संकेत होता है कि खाना ठीक तरीके से पचा नहीं है। शरीर में बनने वाले अतिरिक्त गैस को बाहर निकालने के लिए डकार आना जरूरी है। बार बार डकार आना आपके लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर सकता है। इसके दो तरह के कारण हो सकते हैं। खाना खाते या पानी पीते समय ज्यादा मात्रा में हवा अंदर जाने की वजह से या फिर पेट में मौजूद खाने के ठीक तरीके से पाचन न होने की वजह से डकारें आती हैं। तो आइए जानते हैं कि घरेलू तरीकों से डकारों से कैसे निजात पाया जा सकता है।
दही – दही एक प्रोबायोटिक फ़ूड है, जो पेट में प्राकृतिक रूप से मौजूद गट बैक्टीरिया के संतुलन को बरकरार रखता है। दरअसल गट बैक्टीरिया के असंतुलन से पेट में गैस होना और डकारें आना जैसी समस्याएं होती हैं। प्रोबायोटिक फूड से पाचन संबंधी अनेक समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसके लिए अपने रोजाना के खानपान में दही शामिल करें। इसके अलावा आप छाछ, खट्टा अचार या फिर प्रोबॉयोटिक सप्लीमेंट्स को खानपान में शामिल कर सकते हैं।
इलायची – इलायची पेट में पाचक रस बनाने की प्रक्रिया को तेज करता है। इससे गैस बनने की संभावना कम होती है। वात घटाने का इसका गुण भी पाचन में मदद करता है। डकार से राहत पाने के लिए दिन में दो से तीन बार कुछ इलायची के दाने चबाएं।
सौंफ – सौंफ से भी पेट की गैस से राहत मिलती है। यह पाचन तंत्र को राहत देने के साथ-साथ पेट फूलना, ख़राब हाज़मा और गले में जलन जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है। इसके लिए खाना खाने के बाद आधा चम्मच भुनी हुई सौंफ जरूर खाएं।
पुदीना – पुदीना पेट में मरोड़ की समस्या से निजात दिलाने में माहिर है। यह आपके पाचन तंत्र को आराम दिलाता है, जिससे पेट में गैस बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है और हाजमा ठीक रहता है। इसे आजमाने के लिए एक चम्मच पुदीने की सूखी पत्तियां, एक कप गर्म पानी में डाल लें। 10 मिनट बाद इस पानी को छानकर पिएं। दिन में दो से तीन बार ऐसा करने से राहत मिलेगी।
कैमोमाइल टी – कैमोमाइल टी पीने से पेट की गैस कम होती है और आपको डकारों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा पेट दर्द से भी राहत मिलता है। इसके लिए कैमोमाइल चाय को आराम से घूंट-घूंट करके पिएं। बहुत ज्यादा डकार आने की स्थिति में दिन में दो से तीन कप कैमोमाइल टी पिया जा सकता है।

