वर्तमान समय में खराब खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण यूरिक एसिड की समस्या आम हो गई है। एक्सपर्ट्स बताते हैं की यूरिक एसिड एक तरह का मेटाबोलाइट है, जो बॉडी में प्यूरीन नामक प्रोटीन के लगातार टूटने से हर दिन बनता है। यूरिक एसिड शरीर के लिए किसी वेस्ट प्रोडक्ट से कम नहीं है, इसी कारण किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद यह शरीर से फ्लश आउट हो जाता है। लेकिन जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह पाती तो यह खून में मिलकर क्रिस्टल्स के रूप में टूटने लगता है और हड्डियों के बीच इक्ट्ठा हो जाता है। यही स्थिति गाउट का कारण भी बनती है।

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाने से हार्ट अटैक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर की संभावना भी बढ़ जाता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ यूरिक एसिड के मरीजों को विशेष रूप से अपने खानपान का खास ध्यान रखने की सलाह देते हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स बताते हैं की यूरिक एसिड के मरीज अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर, इसे कंट्रोल कर सकते हैं।

लो प्यूरीन फूड्स का करें सेवन: हाई यूरिक एसिड के मरीजों को लो प्यूरीन वाले फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इससे दर्द और सूजन की समस्या में राहत मिलती है। ऐसे में यूरिक एसिड के मरीज पीनट बटर, नट्स, फल, सब्जियां, कॉफी, चावल, आलू और साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं।

विटामिन सी: जिन लोगों का यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है, उन्हें अपने खाने में विटामिन सी युक्त चीजों को शामिल करना चाहिए। क्योंकि विटामिन सी युक्त चीजें खून में यूरिक एसिड के स्तर को कम करते हैं, जिससे गाउट का खतरा भी कम हो जाता है। ऐसे में हाई यूरिक एसिड के मरीज संतरा और नींबू आदि का सेवन कर सकते हैं।

वजन को रखें नियंत्रित: यूरिक एसिड के मरीजों को अपने वजन को नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है। ऐसे में आप अपने रूटीन में योग और एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं।

शराब का सेवन करें कम: हाई यूरिक एसिड के मरीजों को शराब के सेवन से भी परहेज करना चाहिए। क्योंकि इससे आपका मेटाबॉलिज्म खराब होता है, जिससे दर्द और सूजन की समस्या बढ़ सकती है।