उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर एक ‘साइलेंट किलर’ स्थिति है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के अनुसार, हाई बीपी से पीड़ित अधिकतर लोगों को लंबे समय तक पता ही नहीं चल पाता है कि वे इस तरह की समस्या से भी घिरे हुए हैं। ऐसे में लंबे समय से इससे पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक सहित दिल से जुड़ी कई जानलेवा बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है। अब सवाल उठता है कि आखिर कितना ब्लड प्रेशर होने पर हार्ट अटैक आ सकता है या शरीर में हाई बीपी के कुछ लक्षण नजर आते हैं या नहीं? आइए विस्तार से जानते हैं इन सवालों के जवाब-
इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर हाई ब्लड प्रेशर होता क्या है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब ब्लड वेसेल्स में बहने वाले खून का बल बहुत अधिक होता है, तब उस स्थिति को हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर 90/60 mmHg से ज्यादा और 120/80 mmHg से कम है, तो आपकी स्थिति स्वस्थ और आदर्श मानी जाती है। अगर रक्तचाप 120/80 mmHg और 140/90 mmHg के बीच है, तो इस स्थिति को भी सामान्य रक्तचाप ही माना जाता है। हालांकि, अगर आपका ब्लड प्रेशर 130/80 mmHg या इससे ज्यादा है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर माना जाएगा।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ब्लड प्रेशर का पारा 140/90 mmHg या इससे ऊपर पहुंच जाता है, तो हार्ट अटैक आने की संभावना बनी रहती है। ऐसी स्थिति में हृदय का काम ज्यादा बढ़ जाता है, यहां तक की कभी-कभी बड़ी धमनी फट भी जाती है। ऐसे में बीपी के मरीजों के लिए जरूरी है कि वे समय-समय पर अपनी जांच कराते रहें।
क्या हाई बीपी के दौरान शरीर में इसके लक्षण नजर आते हैं?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वैसे तो हाई बीपी का कोई खास लक्षण नहीं हैं। हालांकि, कुछ खास मामलों में इससे पीड़ित शख्स को बार-बार पेशाब आना, तेज सिर दर्द होने के साथ आंखों का लाल हो जाना, सीने में दर्द, नाक से खून आना, चेहरा लाल पड़ जाना, अधिक पसीना आना, धुंधला दिखना, उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे अलग कई बार पीड़ित को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कैसे टाला जा सकता है खतरा?
जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, अगर हार्ट अटैक के खतरे को टालना है, तो इसके लिए जरूरी है कि आपका ब्लड प्रेशर भी हमेशा कंट्रोल में रहे।
इसके लिए-
- हर रोज पर्याप्त नींद लें। नींद पूरी रहने से बीपी भी कंट्रोल में रहता है।
- अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं, तो अपने खाने में नमक की मात्रा को कम ही रखें। इसके अलावा अचार और हाई सोडियम वाली डिब्बा बंद चीजों का सेवन भी कम करें।
- इससे अलग अपनी डाइट में फ्रेश फल और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। प्रेटीन और साबुत अनाज को भी खानपान में शामिल करें।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करें। हाई बीपी से बचने के लिए एक्टिव रहना बेहद जरूरी है।
- इन तमाम चीजों से अलग अगर आपको अचानक बैचेनी हो रही है, तो हल्के गर्म पानी से नहा लें। कुछ रिसर्च के मुताबिक, पानी की गर्मी रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ हृदय गति को बढ़ाती है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।