High Uric Acid: शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से कई दिक्कतें हो सकती हैं। जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न, अंगूठे में परेशानी, हाथ-पैर हिलाने में दिक्कत, किडनी स्टोन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे में बॉडी में इसकी मात्रा संतुलित रहना बेहद आवश्यक होता है।
शरीर में यूरिक एसिड का लेवल कितना है ये जानने के लिए लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। मगर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि करीब एक-तिहाई लोगों में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। ऐसे में डॉक्टर्स यूरिक एसिड जांचने के लिए यूरिन टेस्ट और ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
यूरिक एसिड बढ़ने की बड़ी वजह है प्यूरीन: यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन नामक प्रोटीन को पचाने से रिलीज होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्यूरीन एक ऐसा कंपाउंड है जो सेल्स के नैचुरल ब्रेकडाउन से बनता है। साथ ही, कुछ फूड्स जैसे कि सर्डाइन्स, मशरूम, मैकेरल, मटर और ऑर्गन मीट में भरपूर मात्रा में प्यूरीन होते हैं जो खतरनाक साबित होते हैं।
क्यों जरूरी है जांच: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में असामान्य यूरिक एसिड के स्तर को नापने के लिए यूरिक एसिड टेस्ट किया जाता है। इसे जानकर डॉक्टर बता सकते हैं कि शरीर में ये केमिकल कितनी मात्रा में बन रहा है और कितना फ्लश आउट होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार यूरिक एसिड ब्लड टेस्ट और यूरिन सैंपल के जरिये जांचा जा सकता है।
यूरिक एसिड ब्लड टेस्ट: वेन में इंजेक्शन लगाकर ब्लड कलेक्ट करते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाओं में यूरिक एसिड की नॉर्मल रेंज 1.5 to 6.0 (mg/dL) के बीच होता है। जबकि पुरुषों में इसका लेवल 2.5 से 7.0 (mg/dL) होता है।
अगर महिलाओं में 6.0 mg/dLऔर पुरुषों में 7.0 mg/dL से ज्यादा होता है तो उसे हाई यूरिक एसिड यानी हाइपरयूरिसेमिया कहते हैं। वहीं, एल्कोहल, विटामिन-सी की उच्च मात्रा, एक्सरे में इस्तेमाल होने वाले डाय और ऐस्पिरिन-इबुप्रोफेन जैसी दवाइयां यूरिक एसिड ब्लड टेस्ट को प्रभावित करते हैं।
यूरिक एसिड यूरिन टेस्ट: बताया जाता है कि डॉक्टर्स यूरिन टेस्ट की सलाह तब देते हैं जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के लक्षण दिखाई दें। वहीं, गाउट के मरीजों को भी यूरिन टेस्ट के लिए कहा जा सकता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार यूरिन में नॉर्मल यूरिक एसिड का लेवल 250 से 750 मिलीग्राम प्रत्येक 24 घंटे में होता है। इससे ज्यादा रेंज होने पर ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति गाउट या फिर किडनी स्टोन से ग्रस्त है।

