Eating a healthy diet: निमोनिया एक रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर है जो जिसके कारण फेफड़ों के एयर सैक में सूजन हो जाती है। इन एयर सैक को आमतौर पर एल्वियोली के रूप से जाना जाता है जो फ्लूइड या पस से भरी होता है जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है और बुखार, खांसी और ठंड लगने जैसी परेशानी भी हो सकती है। इस फ्लूइड को बलगम या कफ कहा जाता है जिसके कारण बहुत असुविधा महसूस होती है। यह बैक्टीरिया, फंगस और वायरस के कारण होता है। यह इंफेक्शन शिशुओं में आम है और जो लोग 65 साल से ऊपर हैं क्योंकि उनके इम्यून सिस्टम कमजोर होते हैं।
शहद:
शहद में हीलिंग इफेक्ट होता है जो खांसी और सर्दी को ठीक करने में मदद करता है साथ ही निमोनिया के लक्षण को भी कम करता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है जो बलगम और कफ को कम करता है।
प्रोबायोटिक्स:
दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो निमोनिया पैदा करने वाले पैथोजेन के विकास को रोकते हैं। वे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाते हैं, साथ ही आंत में गुड बैक्टीरिया के विकास में मदद करते हैं।
सिट्रस फ्रूट्स:
सिट्रस फ्रूट्स में विटामिन- सी होता है। फल जैसे संतरा, जामुन, कीवी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है और इस तरह निमोनिया से जल्द रिकवरी करने में सहायता करता है। इनमें एंटीऑक्सीडेंट भी होता है जो फॉरेन एजेंटों के खिलाफ शरीर की रक्षा करता है।
पत्तेदार सब्जियां:
पत्तेदार सब्जियां जैसे केल, लेट्यूस, पालक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो रेस्पिरेटरी इंफेक्शन को ठीक करने में मदद करते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इंफेक्शन से शरीर की रक्षा करते हैं।
अनाज:
अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स और जौ में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। उनमें मौजूद विटामिन-बी शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इन अनाजों में मौजूद सेलेनियम मिनरल इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
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