High Uric Acid: ब्लड में पाया जाने वाला एक नैचुरल वेस्ट प्रोडक्ट है यूरिक एसिड जिसकी अधिकता आज के समय कई लोगों के शरीर में होती है। बॉडी में प्यूरीन के ब्रेक डाउन से यूरिक एसिड बनता है। इसके अलावा, अत्यधिक शराब का सेवन, मोटापा, किडनी प्रॉब्लम्स, फिजिकल इनैक्टिविटी और डाइट में रेड मीट, ऑर्गन मीट, सी फूड, दाल और कुछ सब्जियों के सेवन से भी शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक करीब एक-तिहाई मरीजों में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं। इससे परेशानी बढ़ जाती है, ऐसे में पैरों में आने वाले कुछ बदलावों से इस बीमारी का पता चल सकता है।
पैरों में हो सकती है ये चार परेशानियां: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा असर पैरों पर ही होता है। हाई यूरिक एसिड से ग्रस्त लोगों को गाउट का खतरा रहता है, इस बीमारी में शरीर के जोड़ों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स जमा हो जाते हैं। ऐसे में लोगों के पैरों के अंगूठे का आकार बदल सकता है, अकड़न और सूजन आ जाती है। जानें पैरों में क्या होती हैं परेशानियां –
पैरों में अकड़न
जोड़ों में दर्द
सूजन
पैरों को हिलाने-डुलाने में समस्या होना
इन घरेलू उपायों का करें इस्तेमाल: हाई यूरिक एसिड से ग्रस्त मरीजों को डाइट में प्यूरीन युक्त फूड्स के सेवन से परहेज करना चाहिए, भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। साथ ही, कुछ घरेलू उपायों का भी इस्तमाल करना चाहिए।
सेब का सिरका: सेब का सिरका में मौजूद तत्व ब्लड साफ करके यूरिक एसिड को बाहर निकालने के लिए जाना जाता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर सुबह और शाम के समय पीयें। ऐसा करीब 2 सप्ताह तक लगातार करने से यूरिक एसिड से होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है।
ऑलिव ऑयल: आज के समय में हेल्थ कॉन्शियस लोग जैतून के तेल का इस्तेमाल अधिक करते हैं। यूरिक एसिड कंट्रोल करने में भी ऑलिव ऑयल कारगर होता है।
बथुआ साग का पानी: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक खाली पेट बथुआ का पानी पीने से शरीर से टॉक्सिक पदार्थ आसानी से निकल जाते हैं। एक सप्ताह तक रोजाना इसका सेवन करें, साथ ही इसे पीने के करीब 2 घंटे बाद तक कुछ खाने से बचें।