High Uric Acid: जिन लोगों के शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है उनमें गठिया का खतरा अधिक होता है। इससे मरीजों को घुटने में दर्द और उठने-बैठने में तकलीफ की शिकायत होती है। साथ ही, जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न की परेशानी हो जाती है। इसके अलावा, किडनी रोग, मोटापा, स्ट्रोक, डायबिटीज और हार्ट डिजीज से पीड़ित होने का खतरा भी रहता है।
हाइपरयूरिसेमिया के मरीजों को स्वास्थ्य विशेषज्ञ अपने खानपान का विशेष ख्याल रखने की सलाह देते हैं। उनके मुताबिक कुछ खास चीजों के सेवन से ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है। आइए जानते हैं ऐसी 4 चीजों के बारे में जिनके सेवन से यूरिक एसिड के मरीजों को बचना चाहिए।
दाल-चावल: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यूरिक एसिड के मरीजों को रात के समय दाल-चावल के सेवन से बचना चाहिए। ये हाइपरयूरिसेमिया के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रात के समय खाना जल्दी पचता नहीं है और यूरिक एसिड जमा होने लगता है। साथ ही, कोशिश करें कि छिलके वाली दाल के सेवन से हमेशा बचें क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में प्यूरीन होता है। ये उंगलियों और जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकता है।
दही: पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने में दही का सेवन फायदेमंद होता है, साथ ही इसे खाने के कई स्वास्थ्य फायदे होते हैं। लेकिन यूरिक एसिड के मरीजों को इसके सेवन से पूरी तरह परहज करना चाहिए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक दही में ट्रांस फैट पाया जाता है जो यूरिक एसिड के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
नॉन वेज और सी फूड्स: मांस-मछली और सी फूड्स जैसे कि ट्यूना और मैकरल के सेवन से यूरिक एसिड के मरीजों को बचना चाहिए। इसमें प्यूरीन अधिक मात्रा में पाया जाता है जिसके ब्रेकडाउन से शरीर में यूरिक एसिड रिलीज होता है। ऐसे में लोगों को कम से कम नॉन वजिटेरियन फूड्स का सेवन करना चाहिए।
सोया प्रोडक्ट्स: यूरिक एसिड की समस्या से ग्रस्त और गठिया के मरीजों को डाइट में सोया प्रोडक्ट्स को शामिल करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ये प्रोटीन का सोर्स माना जाता है और हाइपरयूरिसेमिया के मरीजों को प्रोटीन का सेवन कम से कम करना चाहिए