ब्लड में LDL कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना सेहत के लिए खतरा है। ब्लड में इस कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से दिल के रोगों का खतरा बढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल एक तरह का फैट है जो हमारी बॉडी के लिए जरूरी है। कोलेस्ट्रॉल का खून में पर्याप्त स्तर बॉडी के लिए उपयोगी है, लेकिन इसकी मात्रा अगर खून में ज्यादा हो जाए तो ये हमारी बॉडी को नुकसान पहुंचाने लगता है। कोलेस्ट्रॉल बॉडी के लिए काम की चीज है लेकिन जैसे ही ये ब्लड में बढ़ जाए तो ये इंसान को मार भी सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक का कारण बनता है। हार्ट में कोलेस्ट्रॉल के डिपॉजिट होने से ब्लॉकेज का खतरा बढ़ने लगता है और हार्ट अटैक का कारण बनता है। आप जानते हैं कि दुनिया भर में 30 फीसदी मौतें हार्ट अटैक के कारण होती हैं। अक्सर लोगों को हार्ट अटैक आने के बाद ही कोलेस्ट्रॉल हाई होने का पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झांजर ने बताया अगर आप भी भविष्य में हार्ट अटैक से बचना चाहते हैं तो बॉडी में कोलेस्ट्रॉल हाई होने के लक्षणों को पहचान लीजिए। हाई कोलेस्ट्रॉल ही दिल के रोगों का कारण बनता है। ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर पैरों में उसके लक्षण दिखने लगते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल हाई होने पर पैरों में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
पैरों में हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
हाथ-पैरों का ठंडा पड़ना
अगर आपके हाथ-पैर ज्यादा ठंडे पड़ते हैं और ये दिक्कत हमेशा बॉडी में रहती है तो आप तुरंत कोलेस्ट्रॉल चेक कराएं। हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण परिधीय आर्टरी डिजीज (Peripheral Artery Disease) जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जब ब्लड में LDL कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है तो यह धमनियों में जमा होकर प्लाक बना सकता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। ब्लड प्रवाह कम होने से हाथ-पैरों में पर्याप्त ब्लड और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता जिससे हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगते हैं।
पैरों की स्किन का कलर बदलना
हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से पैरों की स्किन का कलर बदलने लगता है। अगर आपके पैरों की स्किन का रंग थोड़ा सफेद सा दिखने लगे तो समझ जाए कि ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है। स्किन की रंगत में बदलाव साफ संकेत है कि पैरों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है और पैरों में भी कोलेस्ट्रॉल जमने लगा है। पैरों की इस स्थिति में अगर पैरों को हल्का सा ऊपर उठाते हैं तो ये सफेद सा रंग लाल दिखने लगता है।
पैरों में दर्द होना
जब भी आप तेज चलते हैं या फिर पैरों की स्पीड बढ़ाते हैं तो आपके पैरों में दर्द होने लगता है। कोलेस्ट्रॉल हाई होने से पैरों को ब्लड नहीं मिलता है और पैरों की ट्यूब में कोलेस्ट्रॉल की जमावट होने लगती है।
पैरों में क्रैम्प आना
जब भी आपके पैरों में क्रैंप आए तो आप समझ जाए कि आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है। ये क्रैम्प रात को सोते समय आते हैं। इस स्थिति में पैरों में जकड़न का अहसास होता है। ऐसी स्थिति में पैरों की ट्यूब में ब्लॉक हो जाती है और पैरों में क्रैंप आने लगता है।
पैरों में अलसर होना
हाई कोलेस्ट्रॉल का पांचवा लक्षण पैरों में अल्सर होना है। अगर आपके पैरों में अल्सर होता है तो साफ संकेत है कि पैरों को ब्लड सप्लाई प्रॉपर नहीं हो रहा। पैरों में, उंगलियों में, पैर के अंगूठे में ब्लड सप्लाई नहीं होने की वजह से इन जगह पर घाव होने लगता है। अगर पैरों पर इस तरह का कोई लक्षण दिखे तो आप तुरंत कोलेस्ट्रॉल चेक कराएं।
वीक पल्स
अगर आपकी पल्स एकदम कमजोर है, मिल नहीं रहा है या फिर हल्की है तो आप तुरंत कोलेस्ट्रॉल का चेक कराएं। ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के हाई होने का कोई लक्षण नहीं दिखता,अगर आप सालो साल चेक नहीं कराएंगे तो आपको दिल के इस खतरे का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं होगा। अगर आप अपने पैरों में इन लक्षणों को महसूस करें तो तुरंत कोलेस्ट्रॉल चेक कराएं।
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