पैरों में दिखने वाले कुछ बदलाव जैसे सूजन, दर्द, रेडनेस सिर्फ ज्यादा चलने से या फिर खड़े रहने से नहीं होती उसके लिए कई तरह की हेल्थ कंडीशन भी जिम्मेदार हो सकती हैं। इसके पीछे कई तरह की स्वास्थ्य स्थितियां और गंभीर मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हो सकती हैं। कभी कभी पैरों में सूजन और दर्द रहना कोई परेशानी का सबब नहीं है लेकिन अगर ये समस्या लगातार रहती है तो इसके लिए कई हेल्थ कंडीशन जैसे दिल और रक्त वाहिका संबंधी समस्याएं, डायबिटीज, क्लॉटिंग या थक्के, किडनी और लिवर डिजीज, आयरन या पोषण की कमी हो सकती है। शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से नसें कमजोर होती हैं और पैरों में थकान, ऐंठन या सुन्नपन महसूस हो सकता है।
लेकिन आप अक्सर पैरों में होने वाली दिक्कतों से दो चार होते हैं तो ये साफ संकेत हो सकता है कि आपके दिल के लिए खतरा मंडरा रहा है। पैरों और पैरों की मांसपेशियों के बदलाव दिल की सेहत का इशारा कर सकते हैं। हमारे पैर और निचले अंग अक्सर हमारे हृदय और रक्त संचार प्रणाली के बारे में सूक्ष्म संकेत भेजते हैं, लेकिन अधिकतर लोग इन संकेतों को तब तक नजरअंदाज कर देते हैं जब तक कि गंभीर लक्षण दिखाई न दें। पैर या टखनों में सूजन, लगातार ठंडक, या घाव जैसी समस्याएं दिल, रक्त वाहिकाओं या अन्य प्रणालीगत समस्याओं का संकेत हो सकती हैं और इन्हें ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और पेन मेडिसिन फिजिशियन, डॉ. कुणाल सूद ने एक इंस्टाग्राम वीडियो में पैरों में दिखने वाले कुछ लक्षणों को दिल की बीमारी का संकेत बताया है। उन्होंने कहा आपके निचले अंगों में बदलाव अक्सर ये संकेत देते हैं कि आपके हृदय, रक्त वाहिकाओं या संचार प्रणाली में क्या हो रहा है। एक्सपर्ट ने बताया पैरों का ठंडा होना या उनके रंग में बदलाव होना आपको मामूली लग सकता है लेकिन ये गंभीर संकेत हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट ने दिल की बीमारी के पैरों में दिखने वाले कौन-कौन से लक्षणों को बताया है।
वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) दिल की बीमारी का इशारा
वैरिकोज वेन्स फैली हुई और मुड़ी हुई सतही नसें होती हैं, जो कमजोर वाल्व और खराब रक्त प्रवाह के कारण बनती हैं। इस स्थिति में पैरों या पैरों में नीली या उभरी हुई नसें दिखाई देती हैं। ये नसे दिल की सेहत का हाल ब्यान करती है।
दोनों टखनों में सूजन (Bilateral Ankle Swelling)
जब रक्त संचार धीमा हो जाता है या नसों में दबाव बढ़ जाता है तो सूजन हो सकती है। क्रॉनिक वेनस डिजीज में पैरों में भारीपन, दर्द और सूजन होती है, जो लंबे समय तक खड़े रहने पर बढ़ जाती है।
ठंडे, पीले या दर्द वाले पैर (Cold, Pale Feet with Pain while Walking)
यह Peripheral Artery Disease (PAD) के कारण हो सकता है। इस परेशानी में नसों के सिकुड़ने की वजह से रक्त प्रवाह सीमित रहता है, जिससे चलने पर पैर में ऐंठन और दर्द होता है, जिसे इंटरमिटेंट क्लॉडिकेशन कहा जाता है।
एक पैर का लाल, गर्म या सूजा होना (One-sided Red, Hot, or Swollen Calf)
इसके लक्षणों में एक तरफ़ गर्मी, लालिमा, दर्द और सूजन शामिल हैं। इसके जोखिम कारकों में असक्रिय रहना, चोट, कैंसर, गर्भावस्था और कुछ आनुवंशिक क्लॉटिंग डिसऑर्डर शामिल हैं।
अंगुलियों या टखनों पर लगाकर घाव (Persistent Sores on Toes or Ankles) होना
खराब रक्त संचार के कारण ऊतक तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और घाव ठीक नहीं होते। टखनों, पैरों या अंगुलियों पर नॉन-हीलिंग अल्सर PAD का गंभीर संकेत हो सकता है और यदि इलाज न हो तो गैंग्रीन का खतरा बढ़ जाता है।
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