टांगों में कमजोरी अक्सर अचानक नहीं आती, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ती है। इसके पीछे कई शारीरिक, पोषण और लाइफस्टाइल से जुड़े कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और पैरों में कमजोरी बढ़ने लगती है। प्रोटीन की कमी होने पर टांगें जल्दी थकने लगती हैं। कुछ खास विटामिन जैसे विटामिन D, विटामिन B12 की कमी होने से नसों कमजोर हो जाती है और पैरों में झनझनाहट और संतुलन बिगड़ने की समस्या हो सकती है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार जिन लोगों की बॉडी में B12 की कमी थी, उनमें गिरने की संभावना दोगुनी थी।
खून की कमी,नसों की कमजोरी, डायबिटिक न्यूरोपैथी, साइटिका या स्पाइनल समस्याओं से पैरों में सुन्नपन और कमजोरी आती है। पैरों तक खून का बहाव कम होने से भारीपन, ठंडापन और कमजोरी महसूस होती है। लंबे समय तक बैठना या बिस्तर पर रहने से मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। पानी कम पीने से मांसपेशियों में ऐंठन और थकान बढ़ती है। कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट की वजह से भी पैरों में कमजोरी आती है। सर्दियों में ये समस्या ज्यादा होती है जिसके लिए ठंड में ब्लड सर्कुलेशन धीमा होना जिम्मेदार हो सकता है। धूप कम मिलने से विटामिन D की कमी बढ़ जाती है, जिससे टांगों की कमजोरी ज्यादा महसूस होती है।
भारत में जेरियाट्रिक रिसर्च बताती है कि 60 साल की उम्र के बाद हर तीन में से एक व्यक्ति टांगों की मांसपेशियों के गलने (Muscle Loss) की समस्या से जूझ रहा है। ज्यादातर लोग इसे उम्र का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि सच्चाई ये है कि इसके पीछे पोषण की कमी और गलत लाइफस्टाइल बड़ी वजह है। अच्छी खबर यह है कि टांगों की कमजोरी को काफी हद तक रोका जा सकता है जिसके लिए सिर्फ दवाएं ही काफी नहीं है बल्कि हेल्दी डाइट भी जरूरी है। टांगों को मजबूत बनाने वाले 10 वैज्ञानिक रूप से सिद्ध सुपर फूड्स हैं जो टांगों को मजबूत बनाते हैं।
मसूर की दाल
हेल्थलाइन के मुताबिक मसूर दाल सेहत के लिए सबसे भरोसेमंद प्रोटीन स्रोत मानी जाती है। यह आसानी से पचती है और मांसपेशियों की टूट-फूट को धीमा करती है। नियमित सेवन से चलने का संतुलन बेहतर होता है। इसका सेवन करने से पैरों की कमजोरी दूर होती है और पैरों की लड़खड़ाहट कंट्रोल होती है।
पनीर खाएं
पनीर में मौजूद स्लो-डाइजेस्टिव प्रोटीन रात भर मांसपेशियों की मरम्मत करता है। रात के भोजन में थोड़ा पनीर शामिल करने से गिरने का खतरा कम होता है।
भुना हुआ चना खाएं
भुना हुआ चना सस्ता लेकिन बेहद असरदार फूड है। इसमें प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम होता है। यह टांगों की ऐंठन कम करता है और थकान से राहत देता है।
पालक भी है जरूरी
पालक सिर्फ खून ही नहीं बढ़ाता, बल्कि नसों को खोलकर पैरों तक रक्त प्रवाह बेहतर करता है। इससे चलने की गति सुधरती है और थकान कम होती है।
केला भी है असरदार
केला तुरंत ऊर्जा देने वाला फल है। इसमें पोटेशियम भरपूर होता है, जिसकी कमी से टांगों में कमजोरी और ऐंठन होती है। केला का सेवन करने से बॉडी में कमजोरी का इलाज होता है और पाचन भी ठीक रहता है।
दही भी है जरूरी
दही पाचन सुधारता है, जिससे पोषक तत्व सही तरीके से शरीर में अवशोषित होते हैं। कैल्शियम और प्रोटीन हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं।
कद्दू के बीज खाएं
मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर ये बीज नसों को शांत करते हैं और मांसपेशियों की मरम्मत में मदद करते हैं। रात में पैरों में होने वाली ऐंठन का इलाज करने में ये असरदार हैं।
मूंग की दाल
हल्की और सुपाच्य दाल है जो सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। पाचन कमजोर होने पर भी यह सुरक्षित विकल्प है। मूंग दाल का सूप मांसपेशियों को पोषण देता है।
अखरोट का करें सेवन
अखरोट नसों की सूजन कम करता है, संतुलन सुधारता है और गिरने का खतरा घटता है। रोज 2 अखरोट का सेवन आपकी बॉडी से लेकर टांगों तक के लिए उपयोगी है।
पानी ज्यादा पिएं
पानी को अक्सर भोजन नहीं माना जाता, लेकिन टांगों की कमजोरी में इसकी भूमिका सबसे अहम है। पर्याप्त पानी मांसपेशियों को हाइड्रेट रखता है और थकान कम करता है।
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