दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा सर्दी में ज्यादा रहता है। सुबह 4 बजे से 10 बजे के बीच ठंड में हार्ट अटैक की संभावना सबसे ज्यादा होती है क्योंकि इस समय शरीर का ब्लड प्रेशर नेचुरल तरीके से बढ़ता है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है वैसे वैसे हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। सुबह  के समय अचानक सीने में दर्द होना, सांस फूलना और पसीना आने की शिकायतें ज्यादा होती हैं जो दिल से जुड़ी दिक्कतें है। हार्ट अटैक के मामले आम दिनों की तुलना में सर्दी में ज्यादा बढ़ते हैं, जिसकी बड़ी वजह खून का गाढ़ा होना है। जब खून गाढ़ा होता है तो ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है। सर्दी में खानपान में बदलाव और बॉडी में होने वाले बदलाव भी हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

सर्दी और दिल का सीधा कनेक्शन

सर्दी और हार्ट अटैक का सीधा कनेक्शन हैं। इस मौसम में खून गाढ़ा होने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है जिसकी वजह से नसों में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। तापमान में कमी होते ही बॉडी खुद को गर्म रखने के लिए बदलाव करती है। ये बदलाव नसों की सिकुड़न है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। दिल को ज्यादा ताकत लगाकर खून को पम्प करना पड़ता है। जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

सर्दियों में खून गाढ़ा होने के कारण

  • पानी कम पीना (Dehydration)
  • ब्लड वेसल्स का सिकुड़ना
  • शारीरिक गतिविधि कम होना
  • पसीना कम निकलना
  • ब्लड प्रेशर बढ़ना
  • सर्दी में हाई-फैट डाइट
  • विटामिन D की कमी
  • इम्यून और स्ट्रेस रिस्पॉन्स
  • हाई कोलेस्ट्रॉल और खराब डाइट
  • ज्यादा मानसिक तनाव
  • मोटापा
  • कुछ दवाएं जैसे बर्थ कंट्रोल पिल्स और हार्मोन थेरेपी
  • प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद का समय
  • हाई कोलेस्ट्रॉल और खराब डाइट
  • पहले से मौजूद बीमारियां जैसे डायबिटीज, मोटापा, हार्ट डिजीज या पहले स्ट्रोक की हिस्ट्री।
  • धूम्रपान और अल्कोहल का ज्यादा सेवन।

डॉक्टर ने बताया हार्ट अटैक का कारण

प्रतिष्ठित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन अग्रवाल के अनुसार सर्दियों में तापमान गिरने के कारण हमारी रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और खून गाढ़ा होने लगता है। जब खून जरूरत से ज्यादा गाढ़ा हो जाता है, तो उसका बहाव धीमा पड़ने लगता है। इससे हार्ट अटैक,स्ट्रोक और डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि ब्लड क्लॉटिंग पूरी तरह से खराब प्रक्रिया नहीं है। चोट लगने पर खून को बहने से रोकने के लिए यह जरूरी होती है। लेकिन जब बिना किसी चोट के, गलत जगहों पर या जरूरत से ज्यादा क्लॉट बनने लगें, तब यह जानलेवा बन सकता है।

सर्दी में खून को गाढ़ा होने से कैसे बचाएं

  • डाइट में फल, सब्जियां, नट्स, होल ग्रेन्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें।
  • सर्दी में गुनगुना पानी पिएं। ठंड में प्यास कम लगती है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और खून गाढ़ा होने लगता है। दिन भर थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी पीते रहें ताकि हाइड्रेशन बना रहे।
  • हल्दी और अदरक का सेवन। हल्दी में मौजूद ‘कुरकुमिन’ और अदरक के एंटीऑक्सीडेंट्स खून को प्राकृतिक रूप से थक्के (Clots) बनने से रोकने में मदद करते हैं। इन्हें दूध या चाय में शामिल किया जा सकता है।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट का सेवन करें।अखरोट, अलसी के बीज (Flaxseeds) और चिया सीड्स में ओमेगा-3 भरपूर होता है। यह रक्त की चिपचिपाहट को कम करने और धमनियों की सूजन को रोकने में बहुत प्रभावी है।
  • लहसुन खाएं खून पतला होगा। लहसुन में ‘एलिसिन’ होता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है और खून को जमने से बचाने में मददगार माना जाता है। सुबह खाली पेट एक कली लहसुन खाना फायदेमंद हो सकता है।
  • शारीरिक गतिविधि (Indoors) करें।बाहर बहुत ठंड हो तो घर के अंदर ही योग या हल्की स्ट्रेचिंग करें। गतिविधि करने से शरीर में गर्मी पैदा होती है और ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रहता है।
  • धूप में समय बिताएं। विटामिन-D की कमी से भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। दिन में कम से कम 15-20 मिनट धूप में बैठने की कोशिश करें, इससे नसों में लचीलापन बना रहता है।

निष्कर्ष

ब्लड क्लॉटिंग सिर्फ जेनेटिक समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारी लाइफस्टाइल से भी गहराई से जुड़ी हुई है। सर्दियों में खासतौर पर सावधानी बरतना जरूरी है। पानी पर्याप्त मात्रा में पीना, एक्टिव रहना और हेल्दी डाइट अपनाकर ब्लड को गाढ़ा होने से काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर पहले कभी हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो चुका है, तो अतिरिक्त सतर्कता बेहद जरूरी है।

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